2025-09-18

देहरादून आपदा में 13 लोगों की मौत, 16 लापता, 3 लोग घायल, CM-DM ने ग्राउंड जीरो पर लिया जायजा

रैबार डेस्क:  देहरादून में बादल फटने और अतिवृष्टि से भारी तबाही मची है। मलबे में दबने औऱनदी नालों में बहन से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 16 लोग अभी भी लापता हैं। मलबे की चपेट में आने से 3 व्यक्ति घायल हुए हैं। जिला प्रशासन की ओर से राहत औऱ बचाव कार्यों के साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।  

बता दें कि कल देर रात बादल फटने के बाद देहरादून से सहस्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में भारी तबाही मची है। इसके अलावा नंदा की चौकी के पास टोंस नदी ने भी तबाही मचाई है। यहां अलग अलग इलाकों में नदी नालों में डूबने से 8 लोगों की मौत हुई है। जबकि सदर क्षेत्र में 4 लोगों की मौत हुई है। कालसी तहसील में भी एक व्यक्ति की भूस्खलन के मलबे में दबने से मौत हुई है। आपदा के कारण सदर तहसील क्षेत्र में 12 लोग अभी भी लापता हैं जबकि विकासनगर में 4 लोग लापता हैं। 3 लोग घायल हुए हैं। सरकारी एवं निजी परिसंपत्तियों का भी भारी नुकसान हुआ है। 13 पुल, 10 पुलिया, 02 मकान, 31 दीवार, 02 अमृत सरोवर, 12 खेत, 12 नहर, 21 सड़के, 7 पेयजल योजना, 08 हॉज, 24 पुस्ता आदि परिसंपत्तियों का भारी नुकसान हुआ है। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को मोर्चे पर डटे रहने व राहत कार्यों में तेजी के निर्देश दिए। जिसके बाद जिलाधिकारी सविन बंसल और असअसपी अजय सिहं दिनभर देहरादून के मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाडा, कार्लीगाड आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ग्राउंड जीरो पर स्थिति का आंकलन करते रहे। जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों से भेंट करते हुए उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया।  

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाए। लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई पर्याप्त संख्या में मैनपावर और मशीनरी लगाते हुए अवरूद्व सड़क एवं संपर्क मार्गां को शीघ्र सुचारू करें। प्रभावित क्षेत्रों में ड्राई राशन, राहत शिविर में ठहराए गए लोगों तक फूड पैकेट वितरण सुनिश्चित करते हुए उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध की जाए। जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए। 

मजयाडा में तीन लोग मलबे में दबे होने और एक व्यक्ति लापता होना बताया गया। यहां पर कुछ आवासीय भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक केंद्र, 13 दुकान, 08 होटल, 03 रेस्टोरेंट सहित सहस्रधारा-कार्लीगाड मोटर मार्ग भूस्खलन के कारण 09 से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। रा.पूर्व.मा.वि. चामासारी में बनाए गए राहत शिविर में कुछ प्रभावित लोगों को ठहराया गया है। शिविर में प्रभावित लोगों से मिलते हुए जिलाधिकारी ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित परिवार यदि सुरक्षित स्थानों पर किराए में शिफ्ट होना चाहते है तो उनको प्रति परिवार तीन माह तक 4-4 हजार किराया भी दिया जाएगा। 

होटलों में ठहराने की व्यवस्था

जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावितों को होटलों में ठहराने की व्यवस्था की है। सहस्रधारा, कार्लीगाड़ और मजाड़ा में आई आपदा के बाद इस क्षेत्र में पांच होटलों को राहत शिविर के रूप में अधिग्रहित किया गया है। इसके लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने मंगलवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश जारी कर दिया है। होटल वाइब्स इन-डांडा नूरीवाला सहस्रधारा, होटल आइस बर्ग-सहस्रधारा रोड, हेली रिजॉर्ट एंड रेस्टोरेंट-दून मसूरी बाईपास रोड, होटल हिल व्यू-कुल्हान मानसिंह, सहस्रधारा रोड, होटल पर्ल इन – शिप्रा विहार, कैनाल रोड में प्रबावितों को ठहराने की व्यवस्था की गई है।

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