2025-10-08

रैबार डेस्क : विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रदेश की 13 महिलाओं व किशोरियों को वीरबाला तीलू रौतेली राज्य स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर 33 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन तीलू रौतेली की जयंती पर 8 अगस्त को होना था, लेकिन प्रदेश में आपदा की मार के चलते कार्यक्रम को देरी से किया गया।

इनको मिला तीलू रौतेली पुरस्कार

साल 2025 के लिए तूली रौतेली पुरस्कार पाने वालों में अल्मोड़ा से मीता उपाध्याय,  बागेश्वर से अलिशा मनराल, चमोली से सुरभि, चम्पावत से अनामिका बिष्ट,  देहरादून से शिवानी गुप्ता, हरिद्वार से रूमा देवी, नैनीताल से नैना, पौड़ी गढ़वाल से रोशमा देवी, पिथौरागढ से रेखा भट्ट,  रूद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी, टिहरी गढ़वाल से साक्षी चौहान,  ऊधमसिंह नगर से रेखा और उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को नमन करते हुए कहा कि, जिस उम्र में बच्चे खेलना, कूदना और पढ़ना सीखतें हैं, उसी उम्र में तीलू रौतेली ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। इसलिए वीरांगना तीलू रौतेली को उत्तराखंड की झांसी की रानी कहना गलत नहीं होगा।

सीएम धामी ने कहा सरकार संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना, केंद्र सरकार हर तरह से महिलाओं को सशक्त बना रही है। इसी तरह ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करके भी प्रधानमंत्री मोदी ने देश की महिलाओं को सामाजिक तौर पर मजबूत किया है। राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है साथ ही उनकी सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता को लागू करने का ऐतिहासिक काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने साल 2023 से तीलू रौतेली पुरस्कार राशि 31 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार धनराशि 21 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी बहनों और सहायिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की है। पहले आंगनबाड़ी बहनों को 7500 रुपए का मानदेय मिलता था, उन्हें अब 9300 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह अब मिनी आंगनबाड़ी को 4500 के बजाय 6250 और सहायिकाओं को 3550 के बजाय 5250 रुपए का मानदेय मिलता है।

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