गढ़वाल से कुमाऊं तक आपदा की मार, बादल फटने से 5 लोगों की मौत, 11 लापता, उफनते नाले में बहने से बाल बाल बचे विधायक

रैबार डेस्क: उत्तराखंड में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक मानसून ने अपना रौद्र रूप दिखाया। रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और टिहरी में बादल फटने की घटनाओं के बाद बड़ी तबाही मची है। इन अलग अलग घटनाओं में 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 11 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों मवेशी भी मलबे में दबे होने या बहने की आशंका है। पहाड़ में नदियां विकराल होकर बह रही हैं।
बागेश्वर में 3 की मौत, 3 लापता, बाल बाल बचे विधायक
बागेश्वर की कपकोट तहसील स्थित पौसारी गांव में बादल फटने से भारी मलबा आ गया। इस मलबे की चपेट में 6 मकान आ गए। मलबे में दबकर 2 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में बसंती देवी पत्नी रमेश चंद्र जोशी और बचुली देवी शामिल हैं। 1 व्यक्ति पवन पुत्र रमेश चंद्र जोशी घायल हुआ है, जबकि तीन लोग अभी भी लापता हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ और राजस्व की टीम रेस्क्यू कार्य में लगी हैं।
उधर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया भी जा रहे थे, तभी अचानक उपनाते लाने की चपेट में आ गए। विधायक बड़ी मशक्कत के बाद बाल बाल बचे औऱ वहा से निकले। इस दौरान विधायक का गनर नाले के तेज बहाव में फिसलकर बह गया जिसे मौके पर मौजूद एसडीआरएफ के जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सकुशक बचाया।
रुद्रप्रयाग में मलबा ही मलबा
रुद्रप्रयाग के बसुकेदार, छेनागाड़, तालजमाण, स्यूंर अरखुंड में बादल फटने से भारी तबाही मची है। यहां जखोली में सरिता देवी नाम की महिला की मलबे में दबने से मौत हो गई जबकि छेनागाड़ में 8 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बादल फटने के कारण कई भवनों,खेतों को नुकसान पहुंचा है। दर्जनों मवेशी भी बह गए हैं। सड़कें औऱ संपर्क मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हैं।
आपदा के बाद कई वाहन भी मलबे में दबे हैं। छेनागाड़ पुल पर सुबह विश्वनाथ सेवा की एक बस मलबे में फंस गई, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ ने मशक्कत के बाद ड्राइवर कंडक्टर और यात्रियों का रेस्क्यू किया। हादसे में ड्राइवर को चेहरे पर चोटें आई हैं। रेस्क्यू एजेंसियों ने प्रबावित क्षेत्रों से 200 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
चमोली में आसमान से बरसा कहर, 2 की मौत
चमोली जिले के देवाल ब्लॉक स्थित मोपाटा गांव में बादल फटने के बाद भूस्खलन के मलबे में पति पति दब गए थे। कई घंटे की मशक्कत के बाद कमला देवी और तारा सिंह के शव बरामद हो गए हैं। यहां दो लोग भूस्खलन की चपेट में आने से घायल भी हुए हैं। घायलों को देवाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। यहां मलबे की चपेट में आने से 25 पशु लापता हैं। उधर टिहरी के बूढ़ाकेदार इलाके में भी बादल फटा है । यहां बालगंगा और धर्म गंगा नदियां उफान पर हैं।