धराली आपदा- अलग अलग जगह फंसे 105 लोगों को मातली लाया गया, रेस्क्यू के लिए जवानों, उपकरणों को लेकर हर्षिल पहुंचा चिनूक

रैबार डेस्क: धराली में आई आपदा में रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है। गंगोत्री धाम में 500 के करीब लोगों के फंसे होने की सूचना है। धराली, भटवाडी व गंगनानी आदि स्थानों पर गंगोत्री हाईवे बाधित होने के कारण गंगोत्री की ओर फंसे 105 श्रद्धालुओं, लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर मातली लाया गया है। वहीं भटवाड़ी से आगे भूस्खलन के खतरे को देखते हुए करीब एक दर्जन मकानों को खाली कराया गया है। वहीं रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवानों और उपकरणों को लेकर पहला चिनूक हेलिकॉप्टर हर्षिल में लैंड कर गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह उत्तरकाशी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुए हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। सीएम धामी ने रेस्क्यू किए गए यात्रियों से बात करके उनका हाल चाल जाना।
सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ का धराली में सुबह से ही बचाव अभियान जारी है। धराली, हर्षिल और गंगोत्री के बीच अलग अगहों पर फंसे 105 यात्रियों को आज सुबह हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करके मातली बेस कैंप लाया गया, जहां से उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र से भी 230 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि दो लोगों के शव बरामद हुए हैं।
उधर आपदा प्रभावित धराली गांव से बचाए गए एक घायल व्यक्ति को एयरलिफ्ट कर मातली हेलीपैड लाया गया, जहां से उसे आगे के इलाज के लिए भेजा जाएगा।
राहत सामग्री पहुंची
उत्तरकाशी बादल फटने केबाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें उत्तरकाशी के मातली हेलीपैड से राहत सामग्री लेकर हेलीकॉप्टर के जरिए उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो रही हैं। सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ,एनडीआरएफ के जवानों और मशीनों को लेकर हर्षिल लैंड कर चुका है।
चीन सीमा से पोकलैंड मशीनें एयरलिफ्ट
उत्तरकाशी धराली में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए रास्तों को खोलने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद से पोकलैंड मशीनों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन के जवान दिन-रात इन रास्तों को साफ करने में जुटे हैं।