पहाड़ के गावों को संवारने आगे आए प्रवासी उत्तराखंडी, दर्जनों गांवों को लिया गोद, पहाड़ की तस्वीर बदलने का ये है प्लान

रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील पर प्रवासी उत्तराखंडी पहाड़ के कई गावों को गोद ले रहे हैं। इनमें होटल व्यवसायी से लेकर कला जगत औऱ बिजनेस जगत की हस्तियां शामिल हैं। सीएम धामी ने प्रवासियों से अपने गांवों को अपनाने की अपील की थी, जिसे प्रवासियों ने दिल से स्वीकार किया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को इस संबंध में प्रवासियों के साथ समन्वय स्थापित करने और योजनाओं को प्रभावी ढंग से धरातल पर उतारने के लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिए हैं। 12 जनवरी को उत्तराखंड सरकार प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित करवाने जा रही है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की ‘गांव गोद’ योजना ने प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का मौका दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन और आजीविका जैसे मुद्दों पर काम करके ये प्रवासी गांवों का चेहरा बदलने को तैयार हैं। इस पहल के लिए सरकार ने इन प्रवासियों का आभार जताया है और इस मुहिम को प्रदेश के विकास का नया अध्याय करार दिया है।
किसने कौन सा गांव लिया गोद
1. देव रतूड़ी- सुनार, केमरिया गांव
चीन में प्रतिष्ठित उद्यमी देव रतूड़ी ने टिहरी के सुनार और केमरिया गांव गोद लिए हैं। उनके द्वारा सामुदायिक सुविधाओं के विकास और युवाओं को रोजगार दिलाने पर जोर दिया जा रहा है। देव रतूड़ी स्थानीय युवाओं को हॉल एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में चीन में रोजगार देने पर भी विचार कर रहे हैं। देव रतूड़ी चीन में कई रेस्टोरेंट की चेन चलाते हैं। वे स्थानीय फिल्मों और टीवी सीरियल्स में भी काम कर चुके हैं।
2.शैलेश उप्रेती- मनान गांव
आईआईटी दिल्ली से पीएचडी स्कॉलर और एनर्जी फ्रंटियर रिसर्च सेंटर के सदस्य शैलेश उप्रेती अल्मोड़ा के मनान गांव को गोद ले रहे हैं। वह यहां मॉडल एनर्जी स्टोरेज सेंटर और इंडिया कॉर्पोरेट ऑफिस स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। शैलेश उप्रेती का अमेरिका में एनर्जी सेक्टर में बड़ा बिजनेस है।
3. हिमानी शिवपुरी- भटवाड़ी गांव
बॉलीवुड एक्ट्रेस हिमानी शिवपुरी ने भटवाड़ी गांव को गोद लिया है। वह गांव में पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगी.
4. विनोद जेठुड़ी- ओसला गांव
विनोद जेठुड़ी दुबई में प्रसिद्ध समाजसेवी और शिक्षाविद हैं। उन्होंने उत्तरकाशी के ओसला गांव को गोद लिया है जहां वे स्किल डेवलेपमेंट पर काम करेंगे।
5. नीतू अधिकारी- जंगलिया गांव
नीतू अधिकारी का ब्रिटेन में पर्यटन व्यवसाय में अच्छा खासा नाम है। उन्होंने, नैनीताल जिले के जंगलिया गांव को गोद लेने की योजना बनाई है। यहां वह कीवी की खेती और योग केंद्र स्थापित करने के साथ-साथ देहरादून के सभावाला में कौशल विकास केंद्र खोलने पर काम कर रही हैं।
6. प्रदीप सती- हानड गांव
बेंगलुरू में उद्यमी प्रदीप सती अल्मोड़ा के भिकियासैंण के हानड गांव को गोद लेकर यहां इको टूरिज्म और संतरे-सेब की खेती को बढ़ावा देने पर काम करेंगे।
7. एमपी भट्ट- झौन, भदरसू गांव
लखनऊ में निवासरत कृषि उद्यमी एमपी भट्ट टिहरी के झौन और भदरसू गांवों में अदरक, हल्दी और नींबू की खेती पर ध्यान देंगे
8. डॉ वीरेंद्र रावत- हेरवाल गांव
अहमदाबाद में ग्रीन मेंटर्स के संस्थापक डॉ वीरेंद्र रावत प्रतापनगर के हेरवाल गांव को ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करेंगे।
9. ए के काला- फंदाई गांव
बैंकॉक में बसे डॉ. काला पौड़ी के फंदाई गांव को गोद लेकर शिक्षा पर काम करेंगे। यहां उनकी शिक्षा के साथ साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना है।
10. गिरीश पंत- बजेट गांव
भारत सरकार से सम्मानित गिरीश पंत दुबई में जाने माने समाजसेवी और उद्यमी हैं। उन्होंने पिथौरागढ़ के बजेट, बरशायत और बेरीनाग गांवों को गोद लेने का फैसला किया है। यहां वे शिक्षा और कंप्यूटर शिक्षा के साथ स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करेंगे।
11. बीपी अणथ्वाल- मंजेरी, मियाल गांव
दिल्ली में बसे वकील बी पी अणथ्वाल 2008 से कृषि में सक्रिय हैं। उन्होंने टिहरी के मंजेरी और मियाल गांव को गोद लेने का फैसला किया है जहां वे उच्च मूल्य की फसलों की खेती को बढ़ावा देंगे।