2025-09-21

सिस्टम से हारा फौजी पिता, 5 अस्पतालों के डॉक्टर करते रहे रेफर, समय से नहीं मिली एंबुलेंस, डेढ़ साल के मासूम ने तोड़ा दम

रैबार डेस्क: सरहद पर देश की रक्षा में तैनात फौजी अपने घर के चिराग को बचान के लिए दर दर गुहार लगाता रहा। फौजी की पत्नी बेटे को गोद में लेकर एक नहीं, दो नहीं बल्कि 5-5 अस्पतालों तक गई। मगर सिस्टम की बेरुखी, एंबुलेंस मिलने में बेवजह देरी और पहाड़ के अस्पतालों के रेफरल सिस्टम ने मासूम की जान ले ली। एक फौजी सिस्टम के आगे हार गया। एक मां की ममता लचर स्वास्थ्य सुविधाओं के आगे दम तोड़ गई।

दरअसल गढ़वाल मंडल के सुदूर चमोली जिले के चिडंगा गांव के निवासी और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिक दिनेश चंद्र के लिए 10 जुलाई की रात कभी न भूलने वाली बन गई। दोपहर बाद उनके डेढ़ साल के बेटे शुभांशु जोशी की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। फौजी की मां और पत्नी बच्चे को लेकर ग्वालदम अस्पताल पहुंचीं लेकिन वहां इलाज नहीं मिल सका। वहां से बच्चे को कुमाऊं मंडल के बैजनाथ अस्पताल के लिए रेफर किया गया, वहां से फिर बागेश्वर के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन इस दौरान एंबुलेंस मिलने में 3 घंटे की देरी हो गई। जैसे तैसे करके मां कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाए मिन्नतें करते रही और शाम 6 बजे बागेश्वर जिला अस्पताल पहुंची। लेकिन यहां भी बच्चे की हालत गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।

एंबुलेंस के लिए तड़पाया

पहाड़ के अस्पतालों में रेफरल सिस्टम तो जान से खिलवाड़ कर ही रहा है, एंबुलेंस का समय से न मिल पाने से भी सांसे दम तोड़ रही हैं। दर दर अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी जब फौजी दिनेश अपने बच्चो को नहीं बचा पाए तो उन्होंने बाद में सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि बागेश्वर में जब परिजनों ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया तो सिर्फ आश्वासन मिला। एक घंटा बीत गया। बच्चा तड़प रहा था और एंबुलेंस का कोई पता नहीं था। आखिरकार उन्होंने खुद डीएम को फोन कर मदद मांगी। उनके आदेश पर रात साढ़े नौ बजे एंबुलेंस मिली।

साढ़े तीन घंटे की देरी के बाद गंभीर हालत बच्चे को अल्मोड़ा ले जाया गया। लेकिन वहां से भी उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। वहां शुभांशु की सांसें टूट गईं।

डेढ़ साल के मासूम की मां गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक, ग्वालदम, बैजनाथ, बागेश्वर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी के अस्पतालों के चक्कर काटती रही, लेकिन लचर स्वास्थ्य सिस्टम ने उसकी सांसे छीन ली।

उधर बागेश्वर सीएमओ ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर कहा कि  परिजनों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। 108 सेवा के प्रभारी को नोटिस भेजकर सेवा को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी स्वास्थ्य कर्मी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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