SIT जांच ठुकराकर CBI जांच की मांग पर अड़े युवा, चौथे दिन भी प्रदर्शन, सरकार का बड़ा एक्शन, एसिस्टेंट प्रोफेसर, सेक्टर मजिस्ट्रेट सस्पेंड

रैबार डेस्क: पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच की मांग को ठुकराकर प्रदेश के युवा सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हैं। परेड ग्राउंड में युवाओं का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है। युवा परीक्षा कैंसिल कराने की मांग पर अड़े हैं। उधर इस मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए इस केस में आरोपी एसिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, हरिद्वार के परीक्षा सेंटर पर ड्यूटी में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट और दो पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है।
पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर युवा चौथे दिन भी परेड ग्राउंड पर डटे हैं। इसके अलावा प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में युवाओं का प्रदर्शन हो रहा है। हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में भी युवाओं का धरना शुरू हो गया है। पिथौरागढ़ में युवाओं ने बीजेपी के ब्लॉक प्रमुख की कार का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की जबकि गोपेश्वर में युवाओं ने सरकार की शवयात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
उधर इस मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए कई कर्मचारियों को सस्पेंड किया है। इस केस में आरोपी और खालिद के मोबाइल से व्हट्सएप्प पर पेपर की फोटो प्राप्त करनेवाली एसिस्टेंट प्रोफेसर सुमन देवी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। आदेश के अनुसार, हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केन्द्र से प्रश्नपत्र के पृष्ठ बाहर भेजे गए थे। जांच में सामने आया कि सुमन इस प्रकरण में लिप्त रही और उन्होंने प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट बांबी पंवार को वायरल करने हेतु उपलब्ध कराया। उन पर साल्वर के रूप में शामिल होने और सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने के भी आरोप हैं। इसी सिलसिले में थाना रायपुर में उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।


इसके अलावा हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट में ड्यूटी पर तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट के.एन. तिवारी को ड्यूटी में लापरवाही का दोषी पाया गया है। तिवारी, जो जिला ग्राम्य विकास अभिकरण हरिद्वार में परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत है। प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया गया है।
सरकार ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर दो पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन लिया है। सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार, कॉन्स्टेबल ब्रह्मदत्त को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। इनकी ड्यूटी उसी परीक्षा केंद्र पर थी जहां से पेपर लीक हुआ था।
बता दें, यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा मामले में शिकायतों की जांच एसआईटी करेगी। सरकार ने एसआईटी को जांच रिपेार्ट देने के लिए एक महीने का समय तय किया है। एसआईटी हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में काम करेगी।