कफ सिरप से बच्चों की मौत पर हड़कंप, उत्तराखंड में 4 साल तक के बच्चों को सिरप देने पर बैन, अब तक 63 सैंपल लिए गए

रैबार डेस्क: देश के कई हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं से हड़कंप है। उत्तराखंड सरकार ने एहतियात बताते हुए च्चों की खांसी के सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही विभिन्न मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों में छापेमारी कर 63 सैंपल जांच को भेजे गए हैं।
कफ सिरप से देशभर में कई बच्चों की मौत करे बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में एडवायजरी जारी की थी। इसके तहत दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने और चार साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में विशेष सावधानी बतरने के निर्देश दिए हैं।
एहतियात बरतते हुए उत्तराखंड ने भी 4 साल तक के बच्चों को कफ सिरप प्रयोग करने पर बैन लगा दिया है। साथ ही 4 साल से बड़े बच्चों के लिए भी डॉक्टरों के विशेष परामर्श और निगरानी में ही सिरप प्रयोग किया जा सकता है।
अपर आयुक्त FDA व ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड ताजबर सिंह जग्गी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डायएथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल युक्त सिरप बच्चों के लिए जहर के समान हैं, लिहाजा 4 साल तक के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दें। उन्होंने बताया कि हालांकि अभी तक उत्तराखंड में ऐसा कोई कफ सिरप नहीं पाया गया जिसमें बच्चों के लिए घातक केमिकल पाया गया हो। फिर भी प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और प्रदेशभर में अभियान चला रहा है। इसके तहत अलग अलग हिस्सों में 4000 से ज्यादा मेडिकलस्टोर की स्क्रीनिंग और छापेमारी के बाद 63 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जिनकी रिपोर्ट आने पर ही आगे की कार्रवाई होगी। इस बीच सैंपलिंग की कार्रवाई जारी रहेगी। ड्रग कंट्रोलर जग्गी ने लोगों से अपील की है कि बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दें और अगर किसी स्टोर पर या कोई डॉक्टर बच्चों के लिए कफ सिरप प्रिस्क्राइब करता है तो उसकी फौरन शिकायत करें। बड़े बच्चों के लिए भी डॉक्टर की विशेष सलाह पर ही सिरप लें।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एडवाइजरी जारी करते हुए दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा न देने को कहा है। सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।