चौखुटिया: स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा जनसैलाब, 2 अक्टूबर से जारी है ऑपरेशन स्वास्थ्य

रैबार डेस्क: चौखुटिया अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के खिलाफ ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन जारी है। 14 दिन तक अनशन और धरना प्रदर्शन के बाद आज लोगों का सब्र जवाब दे गया और बुधवार लोगों का सैलाब सड़कों पर उतर आया। लोगों ने एक सुर में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की मांग की।
चौखुटिया अस्पताल का उच्चीकरण किए जाने, चौखुटिया के अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती, 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा और जरूरी चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था करने की मांग को लेकर ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन 2 अक्टूबर से लगातार जारी है। पूर्व फौजी भुवन कठायत आमरण अनशन पर बैठ थे लेकिन उन्हें जबरन उठा लिया गया था। इसके अलावा पूर्व फौजी हीरा सिंह पटवाल ने जल सत्याग्रह भी किया था, लेकिन 14 दिन के आंदोलन के बाद भी लोगों की मांग अभी तक अनसुनी हैं। एक दिन के लिए जरूर स्पेशल डॉक्टर अस्पतला में आए थे, लेकिन उसके बाद वो भी नदारद हैं।
इससे आक्रोशित सैकड़ों लोगों ने चौखुटिया में विशाल जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। भीड़ ने चौखुटिया बाजार से तहसील कार्यालय तक मार्च किया। स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर चल रहे जनआंदोलन के समर्थन में बुधवार को चौखुटिया के व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखीं। बाजार दिनभर सन्नाटा पड़ा रहा। व्यापारी नेताओं ने कहा कि जब तक स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ नहीं होतीं, वे आंदोलन के साथ खड़े रहेंगे। आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वह आंदोलन जारी रखेंगे। इस आंदोलन को क्षेत्र के लोगों का समर्थन मिल रहा है और अब यह आंदोलन उग्र रूप लेने लगा है। खराब स्वास्थ्य सेवाओं और उपेक्षा से तंग आकर स्थानीय लोग और छात्र संगठनों ने सड़कों पर उतरकर सरकार को सीधी चुनौती दे दी है।
लोगों का आरोप है कि सरकार जनता के असली मुद्दों—स्वास्थ्य और शिक्षा— पर ध्यान देने के बजाय करोड़ों रुपये सिर्फ दिखावे और आयोजनों पर खर्च कर रही है। आंदोलनकारियों ने सवाल उठाया कि अगर हजार करोड़ के बजट में से आधा भी स्वास्थ्य पर खर्च होता, तो हालात कुछ और होते।