अल्मोड़ा:स्कूल के नजदीक खतरनाक जिलेटिन छड़ें मिलने से हड़कंप, बॉम डिस्पोजल स्क्वॉड की मदद से की जा रही जांच
रैबार डेस्क: अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डबरा के नजदीक 161 संदिग्ध जिलेटिन की छड़ें मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि सड़क बनाने या अन्य निर्माण कार्य के लिए इनको लाया गया हो, लेकिन स्कूल के पास जिलेटिन छड़ों को डजंप करने के मामले करो पुलिस ने गंभीरता से लिया है। पुलिस बम डिस्पोजल स्क्वॉड ,डॉग स्क्वॉड, एलआईयू की टीमें को साथ मामले की बारीकी से पड़ताल कर रही है।
बता दें कि शुक्रवार को अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डबरा के नजदीक जिलेटिन की 161 छड़ें देखी गई थी। वहां खेल रहे स्कूल के बच्चों ने ये संदिग्ध छड़ें देखी को प्रधानाचार्य को बताया। प्रधानाचार्य ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। जिलेटिन कीछड़ों का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जाता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि देवभूमि की शांत वादियों में आखिर ये छड़ें आई कहां से।
फिलहाल शनिवार को अल्मोड़ा पुलिस के साथ, बम डिस्पोजल स्क्वॉड ,डॉग स्क्वॉड, एलआईयू की टीमें मौके पर पहुंची और हर चीज की बारीकी से जांच करते हुए सैंपलिंग की। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास जंगलों में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया भी शुरू किया है। ताकि किसी संदिग्ध चीज को समय रहते डिटेक्ट किया जाए। जिलेटिन की छड़ें यहां क्यों लाई गई, कौन यहां लेकर आया इन बातों की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की गई है, सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से घटनास्थल को सुरक्षित किया गया। इस मामले में थाना सल्ट में अज्ञात के विरुद्ध विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4 , बीएनएस की धारा 288 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है। सामान्यतः जिलेटिन की रॉड सड़क निर्माण कार्यों में पत्थर तोड़ने के काम में लाई जाती है। लेकिन स्कूल के नजदीक डंप करने से ये मामला गंभीर प्रतीत हो रहा है।
क्या है जिलेटिन स्टिक
जिलेटिन स्टिक एक विस्फोटक सामग्री होती है जिसे आमतौर पर बड़े-बड़े पहाड़ तोड़ने, खनन (माइंस) पत्थर तोड़ने, सड़क निर्माण, सुरंग टर्मिनल बनाने, पहाड़ तोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका धमाका इतना शक्तिशाली होता है की बड़ी-बड़ी चट्टानें हिल जाती हैं । आईईडी बम बनाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। जिलेटिन के अंदर नाइट्रो ग्लेसरीन आधारित मिश्रण होता है जो बहुत शक्तिशाली और स्थिर विस्फोटक माना जाता है । इसके साथ डेटोनेटर या ब्लास्टिंग टोपी लगाकर धमाका करवाया जाता है। जिलेटिनकी छड़ अपने आप नहीं फटती लेकिन इसे सही तरीके से सक्रिय कर दिया जाए तो यह बहुत बड़ा धमाका कर सकता है। इसका गलत हाथों में पडना सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक माना जाता है।
