चमोली में भालू से भिड़ गया 11 साल का छात्र, बचाई साथी की जान, स्कूल जाते वक्त भालू ने किया हमला
रैबार डेस्क : पहाड़ में भालुओं का आतंक लगातार बना हुआ है। भालू के आतंक से स्कूली बच्चों पर खतरा बन हुआ है। शनिवार सुबह चमोली के जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर के कक्षा 7 के छात्र देवेश पर स्कूल जाते समय भालू के बच्चे ने हमला कर दिया। घटना में देवेश के पैर पर भालू के बच्चे के नाखूनों के हल्के निशान आए हैं। देवेश के साथ खड़े छात्र पंकज ने किसी तरह पत्थर मारकर भालू को भगाया वरना बड़ी घटना घट सकती थी।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब पौने नौ बजे पोखरी ब्लाक के कैलब से हरिशंकर जूनियर हाईस्कूल जाते समय कैलब गांव का कक्षा सात में पड़ने वाला छात्र देवेश अपने अन्य साथी पंकेश के साथ स्कूल जा रहा था। रास्ते में जैसे ही वे दोनों हरिशंकर आंगनबाड़ी के समीप पहुचें तो झाड़ियों में छिपे भालू ने देवेश पर हमला कर दिया। इतने में साथ में चल रहे पंकेश ने पत्थर से भालू पर हमला किया और शोर मचा कर भालू को भगा दिया। दोनों ने स्कूल की ओर भाग कर अपनी जान बचाई। भालू के हमले में देवेश के पैर में जख्म हो गए ।
घटना की पुष्टि करते हुए अध्यापक मनबर रावत ने बताया कि मामले की सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई। इसके बाद घायल छात्र देवेश को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लाया गया, जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया। उप वन क्षेत्राधिकारी बीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि देवेश के पैर पर भालू के बच्चे के नाखूनों के हल्के निशान हैं। प्राथमिक उपचार के बाद वन कर्मियों के साथ छात्र को सुरक्षित उसके घर छोड़ा जा रहा है। साथ ही क्षेत्र में वन कर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है।
हरिशंकर की प्रधान ने कहा कि ग्राम कैलब, हरिशंकर, गनियाला व किमखोली में गत एक माह से भालू का आतंक है। सुरक्षा के कोई उपाय न होने से स्कूली बच्चों व कास्तकारी करने वाली महिलाओं को हर समय खतरा बना हुआ है। कुछ दिन पहले गनियाला के छात्र-छात्राओं पर भी भालू ने हमला किया था। एक हफ्ते पहले सीएम धामी ने निर्देश दिए थे कि स्कूली बच्चों को एस्कॉर्ट करते हुए स्कूल ले जाया जाए, लेकिन इस घटना से एक बार फिर अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।
