2025-12-24

कैशलैस इलाज के लिए राज्य सरकार देगी ज्यादा अशंदान, धामी कैबिनेट ने लगाई मुहर

रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखंड मंत्रिमंडल की अहम बहैठक हुई जिसमें 11 प्रस्तावों पर मुहर लग गई। कैबिनेट ने कैशलेस इलाज के लिए अंशदान बढ़ाने पर मुहर लगाई है।

कैबिनेट के फैसले

-उपनल कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन का मामला मंत्रिमंडलीय उपसमिति को सौंपा गया है।

– नेचुरल गैस पर वैट की दर 20 से घटाकर 5% करने पर के प्रस्ताव पर मुहर। जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी

-आयुष्मान भारत और अटल आयुष्मान योजना 100% इन्श्योरेंस मोड में संचालित होंगी। गोल्डन कार्ड हाइब्रिड मोङ में चलेगा। पांच लाख से कम के क्लेम इन्श्योरेंस से भुगतान होगा। पांच लाख से अधिक वाले क्लेम ट्रस्ट मोड से मिलेंगे।

– महंगाई दर के हिसाब से कर्मचारियों से लिये जाने वाला अंशदान करीब 250 रुपये से 450 रुपये तक बढ़ेगा।

-धराली व आसपास के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रॉयल डेलिशियस सेब का 51रुपये, दूसरे रेड डेलिशियस सेब का 45 रुपये प्रति किलो मूल्य तय किया गया है। जिससे स्थानीय किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

-उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की उम्र 50 से बढ़ाकर 62 वर्ष, सुपर स्पेशलिटी सर्विसेज के लिए भी विभाग बनाये गए हैं। स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट हल्द्वानी के लिए 4 पदों के सृजन को मंजूरी।

-श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में समान कार्य, समान वेतन मामला कैबिनेट की उपसमिति को भेजा गया है। यहां 277 कर्मचारी उपनल, दैनिक वेतनभोगी, संविदा एवं प्रबंध समिति के माध्यम से रखे गए हैं जिनको कैबिनेट के फैसले का लाभ मिल सकता है

-दुर्गम व अति दुर्गम इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को 50% अतिरिक्त भत्ता मिलेगा। करीब 300 डॉक्टरों को मिलेगा लाभ।

– कलाकारों व लेखकों को मासिक पेंशन 3000 से बढ़ाकर 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया।

– ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत केंद्र के निर्देश के तहत निम्न जोखिम वाले भवन या छोटे व्यावसायिक भवन को सूचीबद्ध आर्किटेक्ट से नक्शा पास करा सकते हैं। अब इसके लिए प्राधिकरण के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।

-औद्योगिक विकास के तहत एमएसएमई यूनिट जैसे लॉज आदि में और इंडस्ट्री यूनिट में ग्राउंड कवरेज बढ़ाने का दायरा बढ़ाया गया है जिससे निवेशक आकर्षित होंगे।

-बांस एवं रेशा विकास परिषद के ढांचे में परिवर्तन किया गया है। तकनीकी प्रकृति के स्टाफ को उपनल के बजाय आउटसोर्सिंग से रखने की व्यवस्था। 13 पदों को कॉन्ट्रैक्ट या आउटसोर्सिंग से होंगे।

-सिंचाई व लोक निर्माण विभाग के वर्क चार्ज एम्प्लाइज को पेंशन मिलेगी।

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