जिला प्रशासन की पहल से भिक्षावृत्ति से छुड़ाए गए बच्चों को मिल रहा उज्जवल भविष्य, 154 बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े
रैबार डेस्क: देहरादून जिला प्रशासन ने भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू करके उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की अभिनव पहल की है। साधुराम इंटर कालेज में स्थापित आधुनिक इंटेशिव केयर सेंटर के जरिए सैकड़ों ऐसे बच्चों का भविष्य उज्जवल बन रहा है जिनका जीवन चौराहों पर भिक्षावृत्ति के अंधेरे में खो सा गया था। शनिवार को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए ऐसे 27 बच्चों का विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराया गया। जिला प्रशासन द्वारा अब तक भिक्षावृत्ति, बालश्रम एवं कूड़ा बीनने में संलिप्त 267 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 154 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है।
शनिवार को साधुराम इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में इंटेंसिव केयर सेंटर में रखे 27 बच्चों को स्टेशनरी एवं स्कूल यूनिफॉर्म प्रदान कर विद्यालयों में प्रवेश दिलाया। इन 27 बच्चों में से 10 बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड में तथा 17 बच्चों का दाखिला साधुराम इंटर कॉलेज में कराया गया। जबकि 127 बच्चों का पूर्व में ही दाखिला कराया जा चुका है।
साधुराम इंटर कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक खजान दास ने कहा कि देहरादून जिला प्रशासन द्वारा बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए अत्यंत सराहनीय कार्य किया गया है। एक वर्ष पूर्व उठाए गए इस कदम का परिणाम आज हम सभी के सामने है। उन्होंने जिलाधिकारी सविन बंसल एवं जिला प्रशासन की पूरी टीम को इस पुनीत कार्य के लिए साधुवाद दिया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि समाज में अनेक ऐसे परिवार हैं जो किसी कारणवश मुख्यधारा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे वंचित परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है। जिलाधिकारी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों, बच्चों की पढ़ाई को पूरा कराना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 154 बच्चे विद्यालयों से जुड़ चुके हैं, लेकिन अभी पूर्ण सेचुरेशन नहीं हुआ है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा।
267 बच्चे किए गए रेस्क्यू
देहरादून जिला प्रशासन द्वारा दिसंबर 2024 से अब तक 267 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू कर साधुराम इंटर कॉलेज में स्थापित आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर में रखा गया। इनमें 83 बच्चे भिक्षावृत्ति, 117 कूड़ा बीनने तथा 67 बच्चे बालश्रम से रेस्क्यू किए गए। बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए इंटेंसिव केयर सेंटर में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाया गया। जिलाधिकारी के प्रयासों से इंटेंसिव केयर सेंटर में बच्चों की पढ़ाई की उचित व्यवस्था के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा, संगीत, खेल, व्यायाम एवं मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। इसके अलावा बच्चों के आवागमन के लिए विशेष कैब की व्यवस्था भी की गई। इस पूरे कार्यक्रम की जिलाधिकारी स्वयं नियमित मॉनिटरिंग करते रहे। मानसिक रूप से सशक्त बनाए जाने के बाद 154 बच्चों का चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सरकारी विद्यालयों में दाखिला कराया गया है।


