2025-10-08

चमोली: व्यापार संघ का विशेष समुदाय के लोगों को अल्टीमेटम, 31 दिसंबर तक इलाका छोड़ें, ओवैसी ने जताया ऐतराज

रैबार डेस्क: चमोली के अलग अलग हिस्सों में पिछले दिनों हिंदू व्यापारी से मारपीट और नाबालिग लड़की के योन शोषण का मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है। पिछले दिनों हिंदू संगठनों ने इस पर व्यापक प्रदर्शन किया था। यहां तक कि खानसर माईथान के व्यापारियों ने बैठक करके ये प्रस्ताव पारित किया कि इलाके में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग 31 दिसंबर तक यहां से चले जाएं, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनको किराए पर दुकान या मकान देने वालों के खिलाफ भी अर्थदंड लगाया जाएगा। अब इस पत्र के वायरल होने पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़ गएष ओवैसी का कहना है कि भारत में मुसलमामों को अछूत बनाया जा रहा है।

आफको बता दें कि चमोली के गौचर में हिंदू व्यापारी के साथ समुदाय विशेष के लोगों ने मारपीट की थी। इसके अलावा थराली क्षेत्र में नाबालिग लड़की के यौन शोषण औऱ उसका वीडियो वायरल करने का मामला सामने आया था। इन घटनाओं से हिंदू समाज में आक्रोश है। बीते 16 अक्टूबर को खानसर कस्बे में व्यापारियों के एक संगठन ने लगभग 15 मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक शहर छोड़ने के लिए कहने का ‘प्रस्ताव पारित’ किया है। इनमें से कुछ मुसलमान तो दशकों से चमोली में रह रहे हैं। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि इलाके में रह रहे मुस्लिम परिवार 31 दिसंबर तक शहर छोड़ दें। ऐसा न करने पर न केवल मुस्लिम परिवारों के खिलाफ बल्कि उन्हें अपना घर या दुकान किराए पर देने वालों के खिलाफ भी कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मकान मालिकों पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।’ व्यापार मंडल के मुताबिक जनपद में इस तरह की घटनाओं के मद्देनजर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा हिंदू महिलाओं के खिलाफ किसी भी आपराधिक घटना को रोकने के लिए ये निर्णय लिए गए हैं।

उधर इस घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए। ओवैसी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है कि,  ‘मुसलमानों को भारत में अछूत बना दिया गया है। उत्तराखण्ड के चमोली में 15 मुसलमान परिवारों का सामूहिक बहिष्कार किया जा रहा है। चमोली के व्यापारियों ने धमकी दी है के 31 दिसंबर तक मुसलमानों को चमोली छोड़ देना होगा। अगर मकान मालिक मुसलमानों को घर देंगे तो 10 हजार का जुर्माना देना होगा।’ ‘ये वही उत्तराखण्ड है जहां की सरकार समानता के नाम पर यूनिफार्म सिविल कोड लागू कर रही है। क्या चमोली के मुसलमानों को समानता और सम्मान से जीने का हक़ नहीं है? मोदी अरब शेखों से गले मिल सकते हैं तो चमोली के मुसलमानों को भी गले लगा सकते हैं। आखिरकार मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, सऊदी या दुबई के तो नहीं।’

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