भाजपा विधायक और पत्नी के खाते में आया मनरेगा का पैसा, विधायक ने कहा फंसाने की साजिश
रैबार डेस्क: विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी ‘वीबी-जी-राम-जी करने पर हंगामा मचा है। संसद में ये बिल पास हो गया है, लेकिन विपक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर है। दूसरी तरफ भाजपा के कुछ विधायक मनरेगा का लाभ लेने से फंसते नजर आ रहे हैं। उत्तरकाशी के पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल आर्य भी मनरेगा में हुए भुगतान को लेकर चर्चा में हैं। विधायक की पत्नी के खाते में 4 साल में योजना के तहत 22 हजार से ज्यादा धनराशि आई है। हालांकि विधायक काकहना है कि ये उको उनको बदनाम करने की साजिश है।
दरअसल प्रदेश के कई जगहों से शिकायतें हैं कि श्रमिकों को लंबे समय से मनरेगा की मजदूरी का समय से भुगतान नहीं हो पाया है। लेकिन पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी निशा के खाते में मनरेगा का पैसा खटाखट आता रहा। 2021 से 2025 तक रेक्चा गांव में मनरेगा के ग्यारह कार्यों के तहत विधायक और उनकी पत्नी के खाते में मनरेगा की करीब 22 हजार से अधिक की धनराशि का भुगतान हुआ। इसमें भी विधायक रहते हुए उनके जॉब कार्ड पर दोनों पति-पत्नी को 5214 रुपये का भुगतान दर्शाया गया है। जबकि विधायक बनने से पूर्व के सात कार्यों के लिए दोनों पति व पत्नी के खातों में कुल 17748 रुपये का भुगतान हुआ है। इस मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
हालांकि, इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बृजमोहन बिंजोला ने कहा कि डीपीओ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दुर्गेश्वर लाल के विधायक बनने से पहले उनका और उनकी पत्नी का जॉब कार्ड बना हुआ था। इसलिए किसी ने अपनी निर्माण सामग्री की धनराशि उनके खाते में डाली थी। उनकी ओर से वह पैसा वापस किया जा रहा है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ , विधायक दुर्गेश्वर लाल का कहना है कि यह उनको बदनाम करने की साजिश है। जबकि उनके परिवार का जॉब कार्ड और अंतोदय कार्ड पुर्व में ही निरस्त करवा दिया गया है।
