2025-10-29

CAG रिपोर्ट में खुलासा: जंगल बचाने के लिए मिले थे करोड़ों रुपए, आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज लेने में लुटा दिए

रैबार डेस्क:  उत्तराखंड में अफसरों की लापरवाही किस तरह सरकारी योजनाओं और सरकारी खजाने कोचूना लगा रही है इसका ताजा खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड को कैंपा योजना में वनीकरण के लिए मिला करोड़ो का बजट आईफोन, लैपटॉप, प्रिज आदि खरीदने में खर्च कर दिया गया। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि इस मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं।

दरअसल प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) के अंतर्गत प्रतिपूर्ति वनीकरण का बजट वनों के संवर्धन के लिए खास माना जाता है। इसके तहत यदि कोई वनभूमि किसी प्रोजेक्ट के लिए दी जाती है तो उसके बदले उतनी ही भूमि पर वन विभाग को वनीकरण का काम करना होता है। इसके लिए करोड़ों के बजट का प्रावधान भी किया गया है, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं, उसने इस बजट की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तराखंड के तराई ईस्ट डिवीजन में कैंपा के फंड से फर्नीचर, आईफोन , कूलर, फ्रिज, कंप्यूटर, स्ट्रीट लाइट और कुर्सियां खरीद ली गई। इसके अलावा एक करोड़ की कुल रकम से भवन की भी मरम्मत की गई, जबकि यह पैसा इन कार्यों के लिए न होकर वनीकरण और जन जागरूकता के लिए था। CAG ने बताया कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच 52 मामलों में DFO की स्वीकृति नहीं ली गई। वन विभाग द्वारा 2017 से 2022 के बीच रोप गए वृक्षारोपण में से केवल 33 प्रतिशत वृक्ष बचे हैं, जो कि वन अनुसंधान संस्थान द्वारा निर्धारित 60-65 प्रतिशत से बहुत कम है।

गलत मदों पर किया करोड़ों खर्च

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक अल्मोड़ा DFO कार्यालय ने बिना अनुमति के ही सौर फेंसिंग के लिए 13.51 लाख रुपए आवंटित कर दिए। राज्य सरकार ने इस पर जवाब दिया कि कर्मचारी और अधिकारियों की सुरक्षा और संपत्ति की सुरक्षा के लिए मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए सोलर फेंसिंग की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन CAG ने इस तर्क को गलत माना।

इसी तरह लैंसडाउन वन प्रभाग में 59 लाख रुपए दिए गए, जिससे फॉरेस्ट गेस्ट हाउस की साफ सफाई करवाई गई और फॉरेस्ट रोड के अलावा पतला रास्ता बनाया गया

इसी तरह नैनीताल और पुरोला के टोंस में भी वनीकरण के कार्यों की जगह भवनों के सौंदर्यीकरण का काम कराया गया. इसके लिए कल इन दोनों ही जगह मिलकर 50 लाख रुपए खर्च कर दिए गए।

मुख्य वन संरक्षक (CCF), सतर्कता और कानूनी प्रकोष्ठ का ऑफिस बनाने में ₹ 6.54 लाख खर्च, बाघ सफारी परियोजनाएं, कानूनी शुल्क, व्यक्तिगत यात्रा, आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, और कार्यालय आपूर्ति की खरीद पर ₹13.86 करोड़ रूपये खर्च किए गए।

योजना के तहत कुल 56.97 लाख रुपए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जायका) परियोजना को टैक्स पे करने के लिए ट्रांसफर कर दिए गए, जबकि योजना के पैसे को किसी भी दूसरी परियोजना में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता था।

कैग की रिपोर्ट सामने आने के बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और प्रमुख वन संरक्षक हॉफ को जल्द से जल्द कैग की रिपोर्ट में दिए गए बिंदु के आधार पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

कैग की पूरी रिपोर्ट डाउनलोड करें…

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