खेत जोता, हुड़का बजाया, रोपणी लगाई, खटीमा में किसानों के बीच दिखा सीएम धामी का अलग अंदाज

रैबार डेस्क: पानी से लबालब धान के सेरों में बैल हांकते सीएम, हुड़का के बोल पर किसानों के साथ मस्ती में झूमते सीएम, और धान की रोपाई करते सीएम धामी।
मिट्टी से जुड़ना किसे कहते हैं, शायद इन तस्वीरों से साफ झलकता है। खटीमा के नगला तराई क्षेत्र में धान की रोपाई कर रहे किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी अचानक उनके बीच जा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अपने खेत में न सिर्फ रोपाई करके किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन किया बल्कि पुराने दिनों को भी ताजा किया।
सीएम धामी ने सधे अंदाज में हल चलाया और फिर महिलाओं के साथ धान की रोपाई की। यही नहीं पहाड़ में धान रोपाई के वक्त हुड़का बजाने की परंपरा रही है। सीएम खुद भी हुड़का बजाने से रोक नहीं पाए और किसानों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत “हुड़किया बौल” के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ की वंदना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं। मुख्यमंत्री के इस सांस्कृतिक जुड़ाव और कृषकों के साथ आत्मीय सहभाग ने क्षेत्रीय जनता को गहरे स्तर पर प्रेरित किया। मुख्यमंत्री धामी की यह पहल उत्तराखंड की ग्रामीण संस्कृति, कृषकों की अहमियत और पारंपरिक लोककलाओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।