स्मार्ट मीटर के विरोध पर बोले सीएम धामी, बिजली चोरी करने वालों का साथ दे रही कांग्रेस, बजट को बताया ऐतिहासिक

रैबार डेस्क: सड़क से लेकर सदन तक स्मार्ट विद्युत मीटरों का विरोध जारी है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आक्रामक है। वहीं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्थिति स्पष्ट की है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि स्मार्ट मीटर बिजली चोरी रोकने में बेहद कारगर साबित होगा।इसका विरोध करके कांग्रेस उनके साथ खड़ी हो रही है जो बिजली चोरी करके राज्य के संसाधनों पर डाका डालते हैं।
2025-26 के बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम धामी ने कहा कि स्मार्ट लगाने की योजना केंद्र सरकार द्वारा लाई गई है और उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। सीएम धामी ने कहा कि ये योजना लोगों की सुविधा के लिए लागू की गई है। जिससे बिजली की चोरी रुक सके और बिजली की अनावश्यक खपत से उपभोक्ता को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका सबसे बड़ा फा.यदा बिजली चोरी रोकने में मिलेगा। लेकिन कांग्रेस इसका लगातार विरोध करेक उन लोगों का साथ दे रही है जो बिजली चोरी करके राज्य के संसाधनों पर बोझ डालने का काम कर रहे हैं। सीएम धामी ने सवाल किया कि कांग्रेस शासित हिमाचल और कर्नाटक में भी ये व्यवस्था है तो वहां इसका विरोध क्यों नहीं कर रही।
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि प्रीपेड मीटर का कॉन्सेप्ट नहीं है। जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां भी स्मार्ट मीटर नहीं लग रहे हैं। सीएम ने साफ किया कि मीटर लगाने से किसी कंपनी को फायदा नहीं पहुंचाया जा रहा। गढ़वाल और कुमाऊं के लिए अलग अलग कंपनियों को ओपन टेंडर के जरिए मीटर लगाने का काम दिया गया है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार अंत्योदय पर काम करती है, इसलिए किसी को प्रताड़ित करने का सवाल नहीं है।
भविष्य का रोडमैप है बजट
विधानसभा में पेश किए गए बजट पर सीएम धामी ने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को भी प्रस्तुत करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 01 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट ईकोलॉजी, इकोनोमी, इन्नोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउन्टेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रीवर फ्रंट डेवेलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।