अंकिता केस: गट्टू पर छिड़ा सियासी संग्राम, दिल्ली से देहरादून तक BJP पर हमलावर हुई कांग्रेस
रैबार डेस्क: उत्तराखंड का चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। बीते रोज़ भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला सनावर ने फेसबुक लाइव में अंकिता केस के वीआईपी गट्टू के नाम का खुलासा करके हड़कंप मचा दिया। उर्मिला के बयान को कांग्रेस ने हाथों हाथ लेते हुए बीजेपी पर दिल्ली से लेकर देहरादून तक हमला बोला है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पीएम मोदी से इस केस की सीबीआई जांच की मांग की है। और 10 दिन के भीतर ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
उर्मिला ने फेसबुक लाइव में खुलासा किया था कि गंगा भोगपुर के वनंतरा रिजॉर्ट में अंकिता पर वीआईपी को एक्स्ट्रा सर्विस देने का दबाव बनाया ज रहा था वो कोई और नहीं बल्कि भाजपा उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम हैं। उर्मिला ने आरोप लगाया कि उसे ये बात खुद सुरेश राठौर ने बताई थी और इसका उसके पास ऑडियो प्रूफ भी है। उर्मिला ने आरोप लगाया कि घटना वाली रात दुष्यंत कुमार गौतम जिसे गट्टू नाम से संबोधित किया गया है, वनंतरा रिजॉर्ट की ओर गया। उर्मिला ने ये भी आरोप लगाया कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ भी ये जानती है और उसके पास दुष्यंत गौतम का वीडियो भी है। बाद में आरती गौड़ ने ही रिजॉर्ट में बुल्डोजर चलवाया। हालांकि आरती गौड़ ने इन आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
उधर विपक्षी गल कांग्रेस ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लपक लिया। दिल्ली में पीसीसी चीफ गणेश गोदियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भाजपा पर वार किया। गोदियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड आते हैं और गढ़वाली कुमाउंनी में बोलकर चले जाते हैं। अगर उन्हें इतनी ही फिक्र है तो इस केस की सीबीआई जांच करवाएं। गोदियाल ने धामी सरकार पर सबूत मिटाने का भी आरोप लगाया है।
गणेश गोदियाल ने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहले सबको उर्मिला सनावर की वीडियो दिखाई। फिर उन्होंने पीएम मोदी से इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में अगर 10 दिनों के अंदर सीबीआई जांच की संस्तुति नहीं होती है तो वो आंदोलन करेंगे। गोदियाल ने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड जाते हैं, बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, तब हम उन्हें उनका कर्तव्य याद दिलाते हैं। हमने हमेशा प्रधानमंत्री मोदी से यही कहा कि अगर वे उत्तरखंड के लोगों और बेटियों से हमदर्दी रखते हैं तो अंकिता भंडारी मामले में शामिल लोगों को गिरफ्तार कराएं। लेकिन BJP सरकार ने पूरी ताकत सिर्फ अपराधियों को बचाने में लगाई। इतना ही नहीं जो SIT बनाई गई, उसने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के बजाए गवाहों को धमकाया। सबूतों को मिटाने वालों को बचाया। अब जब इस मामले में BJP से जुड़े लोगों के नाम सामने आए हैं, तो पूरी धामी सरकार अपने नेताओं को बचा रही है और खामोश बैठी हुई है।
