बेटों की हैवानियत से तंग विधवा मां ने लगाई DM से गुहार, बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान, हो सकते हैं तड़ीपार

रैबार डेस्क: देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जब भी कोई नागरिक अपनी समस्या लेकर जाता है, डीएम ऑन द स्पॉट फैसला देते हुए बड़ी राहत देते हैं। ज्यादती अगर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ हो तो डीएम बेहद संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करते हैं। बंजारावाला क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक विधवा मां को उसके दो बिगड़ैल बेटे परेशान करने लगे, यहां तक कि जान से मारने की धमकी देने लगे। महिला ने डीएम से गुहार लगाई तो फौरन बिगड़ैल बेटों का गुंडा एक्ट में चालान करते हुए पेशी के आदेश दिए।
देहरादून के भागीरथपुरम बंजारावाला क्षेत्र से एक हृदयविदारक मामला सामने आया है, जहां दो जवान बेटे अपनी विधवा मां के लिए ही जीवन का सबसे बड़ा संकट बन गए हैं। नशे की लत और हिंसक व्यवहार के चलते मां की जान पर बन आई है। 22 अगस्त को जिला कार्यालय पहुंची पीड़ित मां विजयलक्ष्मी पंवार ने जिलाधिकारी को आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि उनके दोनों बेटे— शुभम पंवार और एक अन्य— नशे के आदी हैं, और जब-तब उनसे पैसे मांगते हुए मारपीट करते हैं। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि अब वे उन्हें झोपड़ी में ही जान से मारने की धमकी देने लगे हैं। डीएम ने मामले को गंभीर मानते हुए, बिना समय गंवाए उसी दिन गोपनीय जांच करवाई। जांच में पड़ोसियों और जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्टि की कि दोनों बेटे अपनी मां को नियमित रूप से प्रताड़ित करते हैं।
गुंडा एक्ट में त्वरित कार्रवाई
जिलाधिकारी ने गुंडा अधिनियम 1970 के तहत तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए दोनों बेटों को नोटिस जारी कर दिए हैं। उन्हें 26 अगस्त, 2025 को पूर्वाह्न 10:30 बजे डीएम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है। ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जिला बदर किया जा सकता है। यह पहला मौका है जब देहरादून में डीएम द्वारा बिना थाना रिपोर्ट या कचहरी प्रक्रिया के, सीधे जन शिकायत पर गुंडा एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। डीएम ने स्पष्ट किया कि “जब स्वयं एक मां अपनी जान के लिए गुहार लगाए, तो प्रशासन को संवेदनशीलता और सख्ती दोनों दिखानी होती है। जटिल कानूनी प्रक्रियाएं सुरक्षा के आड़े नहीं आ सकतीं।”