केदारनाथ यात्रा:रोक के बावजूद सोनप्रयाग में उमड़ी यात्रियों की भीड़, बैरिकेट तोड़ा तो पुलिस ने बरसाई लाठियां

रैबार डेस्क: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बुधवार को अचानक हालात बेकाबू हो गए। यात्रा पर तीन दिन की रोक के बावजूद अचानक सोनप्रयाग में हजारों यात्रियों की भीड़ जुट गई। आगे जाने के लिए यात्री जिद करने लगे, बैरिकेट हटाने लगे। पुलिस ने यात्रियों पर लाठीचार्ज करके उन्हें तितर बितर किया।
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने खराब मौसम और भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर तीन दिन तक केदारनाथ यात्रा पर रोक लगाई है। ये रोक गुरुवार 14 अगस्त तक तक जारी रहेगी। इस वजह से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। लेकिन बुधवार को जानकारी के अभाव में हजारों तीर्थ यात्री सोनप्रयाग पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया।
आघे जाने की जिद पर अड़े आक्रोशित यात्रियों ने सोनप्रयाग में लगाए गए बैरियर को तोड़ दिया और आगे की ओर बढ़ने लगे। यात्रियों को केदारनाथ धाम जाने से रोकने के लिए पुलिस ने यात्रियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद तीर्थ यात्री जान बचाते हुए सोनप्रयाग में इधर-उधर भागते नजर आए। इस वक्त केदारनाथ धाम जाने के लिए बड़ी संख्या यात्री सीतापुर और सोनप्रयाग पहुंचे हुए हैं।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे के मुताबिक प्रशासन के स्तर से 3 दिनों के लिए यात्रा बंद की गई है। केदारघाटी में हो रही अत्यधिक बारिश और कोहरे के कारण पूरे मार्ग में काफी दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस के स्तर से केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत जगह-जगह रोका जा रहा है, फिर भी कुछ यात्री स्थानीय परिवहन जिनमें बस, मैक्स वाहन आदि में बैठकर चोरी छिपे सोनप्रयाग तक पहुंच रहे हैं। बुधवार को भी कुछ यात्रियों ने सोनप्रयाग में पुलिस के साथ नोंक-झोक कर आगे जाने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्हे तितर बितर करना पड़ा।
उधर इस मामले पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल का कहना है कि हरिद्वार, ऋषिकेश में यात्रियों को नहीं रोका जा रहा है। जब यात्री सोनप्रयाग पहुंच रहें हैं तो उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। सुजाता ने कहा कि धामी सरकार को व्यवस्थाओं को ठीक करने की बजाय मेहमानों को लाठीचार्ज कर चोट पहुंचाई जा रही है, बेहतर होता पहले ही यात्रियों को बता दिया जाता कि वो केदार बाबा के द्वार तक नहीं जा सकते।