2025-10-17

सूचना महानिदेशक के खिलाफ दुष्प्रचार, IAS बंशीधर तिवारी ने दर्ज कराई शिकायत, कहा मुझे टारगेट कर रहा है गैंग

रैबार डेस्क:  सूचना महानिदेशक उत्तराखंड बंशीधर तिवारी ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया में हो रहे भ्रामक और अनर्गल आरोपों को लेकर एसएसपी देहरादून को शिकायत दर्ज कराई है। तिवारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर जानबूझकर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। डीजी सूचना ने साजिश के पुख्ता डिजिटल सबूत भी पुलिस को सौंपे हैं।

सूचना महानिदेशक ने बताया कि पिछले कुछ समय से कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और ग्रुप्स के माध्यम से उनके खिलाफ असत्य और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि विभाग की छवि को भी प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ पूर्व नियोजित तरीके से किया जा रहा है, ताकि अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके और उनके निर्णयों को प्रभावित किया जा सके।

उन्होंने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि यह पूरी मुहिम एक “गैंग” या लॉबी सिस्टम के तहत संचालित की जा रही है, जो राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। सूचना महानिदेशक ने कहा कि, “मेरे खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, वह किसी असंतुष्ट समूह की साजिश है। सोशल मीडिया पर बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाना और अफवाहें फैलाना मेरे सम्मान और मानसिक शांति दोनों के खिलाफ है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का व्यवहार न केवल आईटी एक्ट और मानहानि कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकारी सेवा में अनुशासन और पारदर्शिता को कमजोर करने की कोशिश भी है। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि इन सोशल मीडिया खातों और उनके संचालकों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों पर रोक लग सके।

विगत दिनों उत्तरकाशी के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की संदिग्ध मौत के बाद कुछ लोग सूचना महानिदेशक के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। कमेंट्स में उन्हें हत्यारा तक कहा जा रहा है।  सूत्रों के अनुसार, सूचना महानिदेशक ने अपनी शिकायत के साथ कई स्क्रीनशॉट, पोस्ट और व्हाट्सएप ग्रुप चैट्स के अंश भी सबूत के तौर पर प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मुहिम सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर नहीं बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली को बदनाम करने की दिशा में चलाई जा रही है।एसएसपी कार्यालय ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और मामला साइबर क्राइम सेल को सौंपा गया है। पुलिस अब इन अकाउंट्स की तकनीकी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये पोस्ट कहां से और किन उपकरणों से किए गए। प्राथमिक जांच के बाद संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा 66A, 67 और भारतीय दंड संहिता की मानहानि संबंधी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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