माणा एवलांच पर CM ने रेस्क्यू में तेजी के दिए निर्देश, सेना की IBAX ब्रिगेड मोर्चे पर, 32 का रेस्क्यू
रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून पहुंचकर चमोली के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हिमस्खलन की स्थिति के बारे में भी पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अति शीघ्र घटनास्थल में पहुंचने के निर्देश देते हुए कहा कि घटनास्थल के सबसे समीप स्थित हेलीपैड को अति शीघ्र खोल जाए। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद लेकर रेस्क्यू में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाए जाने के भी निर्देश दिए।
ताजा जानकारी के मुताबिक शाम 5:00 बजे तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, शेष 25 लोगों को निकालने की कार्रवाई गतिमान है। बीआरओ के मुताबिक बदरीनाथ धाम से करीब 6 किलोमीटर आगे घटनास्थल पर एवलांच आने पर करीब 22 मजदूरों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। इन सभी मजदूरों की लोकेशन बदरीनाथ धाम में पाई गई है।
आईटीबीपी, सेना की IBAX ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही आईटीबीपी और सेना के जवान फौरन माणा के घटनवास्थल पर रवाना हुए। सेना और आईटीबीपी के जवान बेहद मुश्किल परिस्थितियों में रेस्क्यू मिशन को अंजाम दे रहे हैं। अब तक 32 श्रमिकों को बचाया गया है जिन्हें आईटीबीपी के मेडिकल कैंप लाया गया है। भारतीय सेना के 7 ऑफिसर्स, 17 जेसीओ और 150 ओआर की एक बचाव टीम को तैनात किया गया है।यह टीम फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए लगातार काम कर रही है। विशेष चिकित्सा दल 2 डॉक्टर और 4 एम्बुलेंस और 4 इंजीनियर उपकरण संयंत्र से लैस यह टीम फंसे हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना की आईबैक्स ब्रिगेड के जवान बेह मुश्किल हालात में मिशन में जुटे हैं। आईबैक्स टीम को बर्फीले क्षेत्रों में एवलांच जैसी स्थिति में निपटने में माहिरता हासिल है। आमतौर पर ये जवान 3500 मीटर से अधिक ऊंचे क्षेत्रों में सेवाएं देते हैं।
सीएम ने दिए जरूरी निर्देश
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जनपद चमोली में हिमस्खलन के बाद लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है। आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना, सभी लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सभी से निरंतर वार्ता जारी है। विजिबिलिटी ना होने के कारण वर्तमान में हेलीकॉप्टर का जाना संभव नहीं है। इस संबंध में स्नो एक्सपर्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी के लोग घटना स्थल में विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी पहली प्राथमिकता श्रमिकों को सुरक्षित निकलना है। सभी लोग अलग अलग स्थानों से हैं, जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में किसी भी एजेंसी की आवश्कता होने पर उनकी मदद ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के समीप हिमस्खलन की सूचना मिली थी। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है।


