पहाड़ में गुलदार, भालू के आतंक का मुद्दा संसद में उठा, अनिल बलूनी ने की त्वरित रणनीति और एक्शन की मांग
रैबार डेस्क: उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों खासतौर से पौड़ी, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में गुलदार और भालू के आतंक से आम जनजीवन सहमा हुआ है। पौड़ी जनपद से सटे गजल्ट गांव में गुलदार ने गुरुवार को 42 साल के शख्स को निवाला बना दिया था, जिसके बाद स्थानीय लोगों में खौफ के साथ आक्रोश भी है। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने इस मुद्दे को आज संसद में उठाया और केंद्र व राज्य सरकार से तत्काल सहयोग की मांग की।
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा उत्तराखंड में वन्य जीवों के हमलों के कारण लगातार नागरिक अपनी जान गवां रहे हैं, घायल हो रहे हैं। ग्रामीणों का घर से निकलना , बच्चों का स्कूल जाना, महिलाओं का जंगल जाना खतरे से खाली नहीं है। गुलदार के साथ साथ भालू का आतंक भी बढ़ गया है। इस सीजन में आमतौर से भालू के हमले नही होते थे, लेकिन इस बार कई मामले सामने आए हैं। हालात इतने खऱाब है कि लोग बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं। इसके लिए त्वरित और कारगर रणनीति और कार्रवाई की आवश्यकता है। अनिल बलूनी ने कहा कुछ दिनों पूर्व मैंने यह विषय केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव जी के समक्ष भी रखा था, ताकि इन बढ़ते हमलों पर तुरंत और प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
गढ़वाल सांसद ने उत्तराखंड वन विभाग के पीसीसीएफ से आग्रह किया है कि जंगली जानवरों के हमलों की स्थिति की नियमित समीक्षा कर प्रतिदिन की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि जनसुरक्षा सर्वोपरि है। इस विषय पर ठोस और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं.
