नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी उस्मान को हाईकोर्ट से राहत, घर तोड़ने के पालिका के आदेश पर लगाई रोक

रैबार डेस्क: नैनीताल में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी 65 साल के उस्मान को उत्तराखंड हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है। कोर्ट ने नगर पालिका के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें आरोपी उस्मान का घर पर बुल्डोजर चलाने के आदेश दिए थे। पालिका ने रुक्कुट इलाके में रहने वाले कई और लोगों को भी घर खाली करने का नोटिस दिया गया था, जिस पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी
हाईकोर्ट के आदेश के बाद नैनीताल नगर पालिका ने मोहम्मद उस्मान और अन्य को अतिक्रमण हटाने के संबंध में दिए गए नोटिस को वापस ले लिया है। नगर पालिका ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न करने पर अपनी गलती स्वीकार की है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगली तारीख पर पुलिस व नगर पालिका को कोर्ट के आदेशों के पालन की रिपोर्ट देनी है।
मो. उस्मान के वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने नगर पालिका नैनीताल के उस नोटिस को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चुनौती दी थी, जिसमें नगर पालिका नैनीताल ने उस्मान समेत अन्य लोगों को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। वकील डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने मो. उस्मान को दिए नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश हैं कि अतिक्रमण हटाने से पूर्व 15 दिन का नोटिस देना होता है, लेकिन नगर पालिका ने केवल 3 दिन का समय दिया, जबकि आरोपी जेल में है। इसके अलावा क्षेत्र के कई दर्जन अन्य लोगों को नोटिस हुए हैं, यह अपने आप में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है।
चीफ जस्टिस जी नरेंद्र व जस्टिस रवींद्र मैठाणी की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने Executive Officer को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको 1 मई को ही कैसे पता चला कि मकान अवैध भूमि पर बना है। इस पर नगर पालिका ने तीन दिन के नोटिस पर अपनी गलती को माना और नोटिस वापस लेने की जानकारी दी।
कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद नैनीताल में हुए विरोध प्रदर्शन पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एसएसपी को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि घटना के समय लोग एक दूसरे की जान लेने के लिए उतारू थे, लेकिन पुलिस उन्हें शांत करने के बजाय घूम रही थी। पुलिस के उच्च अधिकारी व प्रशासन कई घंटे तक वहां मौजूद नहीं थे। कोर्ट ने पूछा कि जब आरोपी पुलिस की हिरासत में था तो धरना प्रदर्शन करने की क्या जरूरत थी? हाईकोर्ट ने ऐसे मामले ने सख्ती से निपटने की सलाह दी है।
बता दें कि, बीती 30 अप्रैल रात को नैनीताल शहर में 65 साल के व्यक्ति पर 12 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा था। इसके विरोध में गुस्साए लोगों ने हंगामा किया, और कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी की थी। घटना के विरोध में नैनीताल बंद भी रखा गया।