सिंधु समझौता रद्द होने से बौखलाए पाकिस्तानी, दुबई में भारतीय युवक को रखा भूखा प्यासा, पासपोर्ट छीना, भारत लौटने पर बताई आपबीती

रैबार डेस्क: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। पहले सिंधु जल समझौता रद्द किया गया और फिर ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तानी आतंकी फैक्ट्री को तबाह किया गया। लेकिन भारत के कदम से पाकिस्तान इस कदर बौखला गया कि वहां के नागरिक ओछी हरकत पर उतर आए। अपने देश में तो भारत का बाल भी बांका नहीं कर पाए, लेकिन दूसरे देशों में भारतीयों को प्रताड़ित करने लगे। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर का एक युवा भी दुबई में पाकिस्तानियों की प्रताड़ना का शिकार हुआ। उसे पीने का पानी तक नहीं दिया गया, खाना नहीं दिया गया , उसका पासपोर्ट तक छीन लिया। ऊधमसिंह नगर पुलिस के प्रयासों से युवक को उनके चंगुल से छुड़ाकर वापस लाया गया है। जहां उसने अपनी आप बीती बताई।
पीड़ित युवक का नाम विशाल है जो ऊधम सिंह नगर के किच्छा का रहने वाला है। ऊधम सिंह नगर पुलिस के प्रयासों से उसे पाकिस्तानियों के चंगुल से छुड़ाकर वापस भारतच लाया गया है। विशाल केवल एक हफ्ता दुबई में रहा लेकिन उस एक हफ्ते में उसे कई तरह की प्रताड़नों को झेलना पड़ा।
विशाल ने बताया कि वो 8 मई 2025 को दुबई काम करने के लिए गया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके विशाल ने सोचा था कि वो दुबई में जाकर अपने सपनों को साकार करेगा। इसी बीच विशाल को दुबई भेजने वाले एजेंट समीर अहमद ने उसे कुछ पाकिस्तानी युवकों के साथ रखा। ये सभी एक ही कंपनी में काम करते थे।

लेकिन जब भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को तबाह करना शुरू किया तो साथ रह रहे पाकिस्तानियों का जमीर भी मर गया। पाकिस्तानी युवाओं की नफरत बढ़ गई। सिंधु समझौता रद्द होने से बौखलाए पाकिस्तानियों ने विशाल को खाने पीने के लिए तरसा दिया। उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। उसका पासपोर्ट भी अपने पास रख लिया।
विशाल ने रोते रोते जब ये बात अपनी मां को बताई तो वो विशाल की वापसी की गुहार लेकर एसएसपी के पास गई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका बेटा विशाल दुबई में पाकिस्तान के कुछ युवकों के बीच फंस गया है। उसे लगातार मारा पीटा जा रहा है और पानी तक के लिए तरसाया जा रहा है। इतना ही नहीं, भारत आने की कोशिश में लगे विशाल का पासपोर्ट भी छीन लिया गया था।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि विशाल की मां पुलिस के पास एक शिकायत लेकर आई थी। जिसके बाद पुलिस ने तत्काल इस मामले में उस एजेंट समीर अहमद को बुलाया। एजेंट से पूछताछ कर दबाव बनाया गया। इस तरह विशाल का पासपोर्ट वापस मिल सका। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस मामले में खुद दुबई में रहने वाले अपने कुछ परिचित लोगों से संपर्क किया और किसी तरह विशाल को दुबई से निकाला गया। 14 मई 2025 को विशाल सकुशल अपने घर लौट आया। घर आने के बाद विशाल और उनकी मां एसएसपी से मिलने पहुंचे और उनका आभार जताया।