विधानसभा में राष्ट्रपति का संबोधन, राज्य आंदोलनकारियों मातृशक्ति को किया नमन, विधायकों को भी दी नसीहत
रैबार डेस्क: उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25वें वर्ष पर उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र हो रहा है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस अवसर पर विधानसभा को संबोधित किया। उन्होंने उत्तराखंड के इतिहास में मातृशक्ति के योगदान पर प्रकाश डालते हुए मातृशक्ति को नमन किया और क्रिकेट विश्व कप जीतने पर भारतीय महिला टीम को बधाई दी।
उत्तराखंड के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि 25 वर्षों में उत्तराखंड के लोगों ने विकास के लक्ष्य हासिल किए। पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की। विकास के प्रयास के बल पर राज्य ने ह्यूमैन डेवलपमेंट के कई मानकों में सुधार किया। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में प्रयास किया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की मैं विशेष सराहना करती हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर बेहद खुशी है कि राज्य के विकास और इस राज्य को आगे बढ़ाने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। राष्ट्रपति ने राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी, चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली इन महिलाओं की उपलब्धियां आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेंगी।इन महिलाओं को देखकर और बेटियां आगे बढ़ेंगी और राज्य के लिए बहुत कुछ करेंगी। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में विधानसभा के अंदर महिलाओं की भागीदारी भी पुरुषों के समान होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का यह पवित्र भूखंड अनेक ऋषि मुनियों की तपस्या स्थली रही है। गढ़वाल रेजीमेंट के नाम से यहां की शौर्य परंपरा का परिचय मिलता है। यहां के युवाओं में मातृभूमि की रक्षा करने के प्रति उत्साह दिखाई देता है। उत्तराखंड की यह शौर्य परंपरा सभी देशवासियों के लिए गौरव की बात है। जो योगदान देने वाले विभूतियां आज हमारे साथ नहीं हैं, उनको नमन करती हूं। समान नागरिक संहिता विधेयक लागू करने वाले उत्तराखंड विस के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं। उत्तराखंड विस में 550 से अधिक विधेयक पारित किए गए हैं। इनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, जमींदारी विनाश, नकलरोधी विधेयक शामिल हैं। सामाजिक न्याय से पारित सभी विधेयकों को पारित करने के लिए सभी पूर्व व वर्तमान विधायकों की सराहना करती हूं। विधानसभाएं हमारी संसदीय प्रणाली का प्रमुख स्तंभ हैं।
विधायकों को नसीहत भी दी
राष्ट्रपति ने विधायकों से आग्रह किया कि विकास और जनकल्याण के कार्यों को पूरी निष्ठा से आगे बढ़ाएं। समाज के वंचित वर्गों और युवा पीढ़ी के कल्याण के लिए संवेदनशील होकर कार्य करें। राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता और शासन के बीच की सबसे अहम कड़ी हैं और यदि वे सेवा-भाव से जनता की समस्याओं के समाधान में जुटे रहेंगे तो जनता और जन-प्रतिनिधि के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा।


