2025-09-11

रुद्रपुर के ग्रामीणों का आरोप, अधिकारियों, वन विभाग ने फर्जी तरीके से पिटकुल को दी की गौचर की जमीन, उग्र आंदोलन करेंगे, कोर्ट जाएंगे

रैबार डेस्क:  रुद्रप्रयाग के रुद्रपुर गांव की गौचर भूमि को जबरन पिटकुल को दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पिछले दिनों प्रशासन की जोर जबरदस्ती और अन्याय के खिलाफ ग्रामीण लामबद्ध हैं। इसी मुद्दे पर ग्रामीणों ने स्थानीय कांग्रेस नेता मनोज रावत के साथ देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि रुद्रपुर गांव की गौचर की भूमि को फर्जी तरीके से पिटकुल को देने की साजिश की है। अगर जमीन वापस नहीं ली जाती तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे और अदालत में तमाम फर्जीवाड़ों को सामने रखेंगे।

पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि खाता खतौनी में रुद्रपुर की ये 2.6 हेक्टेयर जमीन गौचर यानी एनजेडए जमीन है। जिसको ग्राम पंचायत की भूमि माना गया है। लेकिन अधिकारियों ने 2008 में फर्जी तरीके से ग्रामीणों की ओर से एनओसी बनाकर इसे जबरदस्ती हस्तांतरित करवा दिया। ग्रामीणों ने कहा कि 2008 में जो ग्राम पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया उसमें एक भी ग्रामीण के हस्ताक्षर नहीं हैं। उस समय ग्राम पंचायतों में  प्रशासकों की नियुक्ति थी,उसी दौरान फर्जी तरीके से बिना ग्रामीणों की बैठक बुलाए जमीन को वन विभाग को सौंपने का फर्जी एनओसी तैयार किया गया। इस एनओसी में तत्कालीन ग्राम पंचायत प्रशासक, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी , खंड विकास अधिकारी केवल तीन लोगों के हस्ताक्षर हैं, जबकि किसी भी ग्रामीण के हस्ताक्षर नहीं हैं।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाद में वन विभाग और पिटकुल के बीच जमीन हड़पने की सांठगांठ हुई और वन विभाग ने भूमि को 30 साल के लिए पिटकुल को लीज पर दे दिया। जबकि सरकार की भूमि को ट्रांसफर करने या लीज पर देने का वन विभाग के पास कोई अधिकार नहीं था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पावर सब स्टेशन के लिए उस इलाके में दर्जनों जमीनें हैं, लेकेन पिटकुल पावर हाउस के बहाने वहां गेस्टहाउस और अन्य इंफ्रास्ट्रक्टर बनाना चाहता है जिससे चारधाम यात्रा के दौरान लाभ लिया जा सके।

पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि रुद्रपुर गांव के चारों ओर गांव हैं। ग्रामीणों के पास ना तो जंगल और ना ही गौचर की भूमि है। यदि भूमि वापस नहीं दी जाती है तो ग्रामीण बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम तक जाने में भी पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और वन विभाग और प्रसासनिक अधिकारियों के फर्जीवाड़े को कोर्ट में रखेंगे। इस मौके पर आशीष शुक्ला, अमित कपुरवाण, सतेंद्र कोटवाल, गणेश शुक्ला, पंकज शुक्ला, प्रदीप शुक्ला आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed