आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी पहुंची बदरीनाथ, 15 कुंतल फूलों से सजा धाम, कल खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट

रैबार डेस्क: गंगोत्री, यमुनोत्री , केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ साथ कुबेर, उद्धव की डोलियां और गाड़ू घड़ा यात्रा श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। जबकि भगवान कुबेर जी की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव स्थित मां नंदा देवी मंदिर में पहुंच गई है।
भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को सुबह 6 बजे ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। कपाट खोलने के अवसर पर मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। बीकेटीसी की ओर से मन्दिर को 15 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। रविवार को सुबह 4 बजे मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी मंदिर परिक्रमा में उपस्थित होंगे। इसके बाद सुबह 4.30 बजे श्री कुबेर जी दक्षिण द्वार से मंदिर परिक्रमा में प्रवेश करेंगें। 5 बजे सुबह विशिष्ट अतिथि गण और रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि मंदिर परिक्रमा में पहुंचेंगे। सुबह साढे पांच बजे से द्वार पूजन शुरू हो जायेगा। 4 मई ठीक सुबह 6 बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालुओं के धाम में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। धाम में तीर्थयात्रियों की आवाभगत के लिए होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों का संचालन शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।