SDRF में शुरू हुई युवा आपदा मित्र योजना, 4300 स्वयंसेवकों को दी जाएगी आपदा से निपटने की ट्रेनिंग

रैबार डेस्क: युवा आपदा मित्र योजना के तहत सोमवार को एसडीआरएफ जौलीग्रांट में एनएसएस के स्वयंसेवकों की ट्रेनिंग शुरू होगई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एनएसएस के स्वयंसेवकों के प्रथम बैच का उद्घाटन किया। उत्तराखंड के 11 जिलों में 4,310 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें एनएसएस के 850, एनसीसी के 1,700, नेहरू युवा केंद्र के 850 तथा भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के 910 स्वयंसेवक शामिल हैं। एसडीआरएफ जौलीग्रांट में नेहरू युवा केंद्र के 576 एवं एनएसएस के 644, कुल 1,220 स्वयंसेवकों को 17 बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण 13 अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 तक चरणबद्ध रूप में आयोजित किया जाएगा। प्रथम बैच में 35 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यह 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 13 से 19 अक्टूबर तक चलेगा।
आपदा मित्रों की ट्रेनिंग के दौरान प्रतिभागियों को फर्स्ट एड, जनरल डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्च तकनीक और रोप रेस्क्यू जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा। एलडीआरएफ कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने कहा कि युवा आपदा मित्र योजना के तहत यह प्रशिक्षण न केवल युवाओं में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि उनमें सेवा भावना, उत्तरदायित्व और नेतृत्व के गुणों को भी सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का भौगोलिक स्वरूप इसे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील बनाता है। यहां भूकंप, भूस्खलन, बादल फटना और वनाग्नि जैसी घटनाएं अक्सर चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न करती हैं। ऐसे में हर गांव और मोहल्ले में प्रशिक्षित युवा आपदा मित्र मौजूद होने से आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस योजना से युवाओं में सेवा भावना, उत्तरदायित्व और नेतृत्व के गुण भी विकसित होंगे।
रेंजर व रोवर ने भारी वस्तुओं को उठाने के तरीके सीखे
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित युवा आपदा मित्र योजना के तहत सोमवार को दूसरे दिन भारत स्काउट्स एंड गाइड्स को आपदा के समय भारी वस्तुओं को सुरक्षित ढंग से उठाने, बाढ़ की स्थिति में नदी व नालों को पार करने तथा बाढ़ में फंसे हुए पीड़ितों की खोज एवं बचाव कार्य से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया।
साथ ही प्रशिक्षकों ने आंधी-तूफ़ान, बादल फटने और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सुरक्षित स्थान पर पहुंचने, प्राथमिक उपचार प्रदान करने, तथा टीम के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने की विधियां भी समझाईं। सभी प्रतिभागियों को आपदा की स्थिति में शांत रहना, एक-दूसरे की सहायता करना और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना सिखाया गया।
प्रशिक्षकों ने बताया कि किसी भी आपदा में घबराने के बजाय संयम, समझदारी और तत्परता से कार्य करने से अनेक जीवन बचाए जा सकते हैं। प्रशिक्षण ने प्रतिभागियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक दायित्व की भावना को सशक्त किया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने आपदा मित्र के रूप में समाज में जागरूकता फैलाने और आपदा के समय बचाव दल का एक सक्रिय हिस्सा बनने का संकल्प लिया।
एनसीसी कैडेट्स को बताया, कैसे करें भूकंप का सामना
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित “युवा आपदा मित्र परियोजना” के अंतर्गत एन.सी.सी. कैडेट्स हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आज प्रशिक्षणार्थियों को भूकंप तथा उससे बचाव के उपायों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के दौरान एन.डी.आर.एफ. टीम द्वारा मौके पर मॉक ड्रिल (भूकंप अभ्यास) का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने भवनों के अंदर फँसे व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के व्यावहारिक तरीकों का अभ्यास किया। इसके पश्चात् प्रशिक्षणार्थियों को सर्पदंश, डॉग बाइट तथा अन्य पशु-दंश की स्थिति में किए जाने वाले प्राथमिक उपचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, घायलों को इंडिकेटिंग के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने की विधियों का भी प्रदर्शन किया गया।