2025-10-29

रैबार डेस्क:  उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों से संबंधित इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है। शासन ने नगर निकायों की आरक्षण सूची जारी हो गई है। 11 नगर निगमों में से अब दो नगर निगमों हरिद्वार और हल्द्वानी में ओबीसी श्रेणी के मेयर होंगे। इसके साथ ही 45 नगर पालिकाओं में से 13 पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए हैं। 46 नगर पंचायतों में से 16 पदों को ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है।

नगर निगमों का आरक्षण

नगर निगमों की बात करें तो हल्द्वानी नगर निगम ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है।ष इसी तरह हरिद्वार नगर निगम का मेयर पद ओबीसी कैटेगरी की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। ऋषिकेश नगर निगम अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखा गया है। जबकि दो नए बने नगर निगम, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ भी महिला के लिए आरक्षित हैं। रुड़की में भी महिला मेयर होगी। देहरादून, कोटद्वार, श्रीनगर, रुद्रपुर, काशीपुर सामान्य जाति के मेयर चुने जाएंगे।

45 नगर पालिकाओं  में से 13 पर ओबीसी के लिए आरक्षण लागू रहेगा, जबकि 7 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा 10 नगर पालिकाएं सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं तथा बाकी 13 पालिकाएं सामान्य रहेंगी।

इसी तरह 46 नगर पंचायतों में से 16 ओबीसी के लिए आरक्षित रहेंगी। 7 एससी के लिए आरक्षित रहेंगी, 8 सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

राज्य के कई नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में ओबीसी के लिए आरक्षण के पैटर्न को बदला गया है। कई वार्डों में ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया गया है। इसका कारण इन क्षेत्रों में ओबीसी आबादी का अनुपात अपेक्षाकृत कम होना बताया गया है। एकल समर्पित आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि जहां ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, वहां आरक्षण को लागू किया गया है। इस सूची में आपत्तियां सुने जाने के बाद इसमें संशोधन संभव है।

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