सिर्फ 2.40 घंटे चला विधानसभा सत्र, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह का कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा, सरकार पर लगाए तानाशाही के आरोप

रैबार डेस्क: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का मॉनसून हंगामे के कारण महज डेढ़ दिन में ही खत्म हो गया। हंगामे के चलते मॉनसून सत्र में सिर्फ 2 घंटे 40 मिनट ही चल पाया। इस मुद्दे पर सरकार की कार्यशैली से नाराज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस सदस्यों का आरोप है कि सरकार सदन चलाने में तानाशाही कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को अपना इस्तीफे भेजा है। त्यागपत्र के जरिए दोनों नेताओं ने कहा कि पिछले कई विधानसभा सत्रों में कार्यमंत्रणा समिति में संख्या बल के आधार पर मनमानी का माहौल हो रहा है। पत्र के मुताबिक मॉनसून सत्र में कार्यसमिति की बैठक से पहले सभी सदस्यों को मॉनसूत्र सत्र का संभावित कार्यक्रम भेजा गया था, जिसके तहत भराड़ीसैंण में मॉनसून सत्र 19 अगस्त से 22 अगस्त तक आहूत होना था। 18 अगस्त को बुलाई गई कार्यमंत्रणा समिति बैठक में केवल 19 अगस्त के उपवेशन कार्यक्रम तय किया गया था। 19 अगस्त के उपवेशन के बाद दोबारा बैठक बुलाने की बात कही गई थी, लेकिन 19 अगस्त को कोई बैठक नहीं बुलाई गई।

विधायक प्रीतम सिंह का कहना है कि आज 20 अगस्त को भी दोपहर बाद सत्र को अनिश्चित काल के लिए अवसान कर दिया। सरकार को ये निर्णय लेने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलानी चाहिए और कार्यमंत्रणा समिति के सदस्यों को विश्वास में लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह का आरोप है कि सरकार सदन को चलाने में अपना तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है। भराड़ीसैंण में आहूत सदन को दो दिनों के भीतर स्थगित करना उत्तराखंडवासियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। जब कार्यमंत्रणा समिति में सभी फैसले एक तरफा लिए जाने हैं तो ऐसी कार्यमंत्रणा समिति में हमारे सदस्य के रूप में रहने का कोई मतलब नहीं है। इसीलिए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह दोनों ने कार्यमंत्रणा समीति के सदस्य से पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि कार्यमंत्रणा समीति का काम सदन में सरकारी कामकाज और अन्य कार्यों के लिए समय का आवंटन करना है। जिससे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके