2025-09-11

केदारनाथ आपदा में फंसे यात्रियों की मदद के लिए आगे आए चौमासी के ग्रामीण, लंगर लगाकर कर रहे सेवा

रैबार डेस्क: रुद्रप्रयाग की केदारघाटी में बादल फटने औऱ भूस्खलन से तबाही मची है। केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हुआ है। ऐसे में हजारों यात्री यात्रा मार्ग पर फंस गए, जिन्हें सुरक्षित लाने का रेस्क्यू ऑपरेश जारी है। लेकिन इस बीच ऐसी तस्वीरें भी आई हैं जो आपदा को मात देने का हौसला देती हैं। ये तस्वीरें पहाड़ियों की जिंदादिली का सबूत हैं। ये तस्वीरें उन लोगों पर करारा तमाचा हैं जो ये कहते हैं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सामान की कीमतों में लूट मची रहती है।

दरअसल सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली में जगह जगह भूस्खलन से यात्रा मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। हजारों यात्री इस मार्ग पर फंस गए। एसडीआरएफ एनडीआरएफ, वायुसेना की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। शुक्रवार को मौसम खराब होने के कारण सेना के चॉपर लगातार उड़ान नहीं भर पा रहे जिस वजह से ग्राउंड फोर्सेस को ही रेस्क्यू करना पड़ा रहा है। केदारनाथ मार्ग पर फंसे यात्रियों को चौमासी के रास्ते से लाया जा रहा है। यात्रियों के साथ साथ स्थानीय घोड़ा खच्चर संचालक औऱ दुकानदार भी जान बचाकर चौमासी की तरफ रुख कर रहे हैं।

चौमासी गांव में गुरुवार को 300 से अधिक यात्री पहुंचे जिन्हें लोगों ने अपने घरों, पंचायत भवन आदि में ठहराया। इस बीच चौमासी गांव की तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें चौमासी के लोग यात्रियों को भोजन करवा रहे हैं, उनके लिए लंगर चला रहे हैं। ग्रामीणों का यही भाव है कि भोले के दर से कोई भी यात्री बेबस, लाचार और भूखा न निकले। कालीमठ घाटी के चौमासी गांव के लोग और टैक्सी यूनियर के सदस्य अपने संसाधनों ने आपदा में फंसे लोगों की हर मुमकिन मदद कर रहे हैं। चौमासी के ग्राम प्रधान मुलायम सिंह तिन्दोरी ये सुनिश्चित करने में जुटे है कि किसी यात्री को परेशानी न उठानी पड़े। बकायदा गांव के लोगों ने गांव में लंगर लगाया हुआ है। यात्रियों को पंक्तिबद्ध बैठाकर भोजन कराया जा रहा है।

चौमासी प्रधान ने बताया कि रामबाडा से खाम होते हुए नौ सदस्यीय पहला दल गुरुवार को चौमासी गाँव पहुंचा और शाम होते होते 300 से ज्यादा लोग चौमासी गाँव पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा सभी के लिए भोजन व रात्रि प्रवास की उचित व्यवस्था की गई। बता दें कि 2013 की भीषण आपदा में भी चौमासी के ग्रामीणों ने यात्रियों की मदद के लिए तत्परता दिखाई थी।

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