सैनिक पिता की फोटो देखकर भावुक हुए सीएम, पूर्व सैनिक सम्मेलन में सैनिकों के लिए की कई घोषणाएं
रैबार डेस्क: राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में किया पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरांगनाओं एवं उनके परिजनों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। इस दौरान जब सीएम धामी के उनके सैनिक पिता का चित्र भेंट किया गया तो सीएम भावुक हो गए।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर राज्य निर्माण व राष्ट्र सेवा में उनके योगदान के लिये सभी का अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उसके घर से कोई न कोई भारत माता की सेवा में समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वास्तव में वीरभूमि है, जहाँ की माटी में ही राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना रची-बसी है।
सैनिक कल्याण विभाग का होगा पुनर्गठन
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि हर सैनिक परिवार तक योजनाओं का लाभ सहज रूप से पहुँच सके।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों एवं आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा, जिससे पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों की नारियों को आवासीय भवन निर्माण हेतु दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में सैनिकों के 150 बच्चों के लिए एक आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, जिससे सैनिक परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
सैनिक कभी ‘पूर्व’ नहीं होता-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सैनिकों का जीवन अनुशासन, समर्पण और बलिदान की मिसाल है। उन्होंने कहा कि “सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्र विरोधी सोच का कोई स्थान नहीं है और आज भारत में सभी जरूरी सैन्य उपकरण देश में ही बनाए जा रहे हैं तथा भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। ऑपरेशन सिंधु मेघ में स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का भी उन्होंने जिक्र किया।
