चंपावत के स्कूल में फिर उछला मिड डे मील विवाद, बच्चों ने नहीं खाया दलित भोजनमाता के हाथ का खाना, 7 की टीसी काटी गई
रैबार डेस्क: चंपावत जिले के राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में मिड डे मील विवाद फिर से सुर्खियों में है। यहां 15 सवर्ण छात्रों ने दलित भोजनमाता के हाथ का बना खाना खाने से इनकार कर दिया। (General Students refused to eat mid day meal made by dalit bhojan mata) स्कूल प्रशासन द्वारा समझाने के बाद भी बच्चे नहीं माने तो प्रिंसिपल ने 7 बच्चों की टीसी काट दी है। इस मामले के तूल पकड़ने से क्षेत्र में फिर से खलबली है। दिसंबर 2021 में भी दलित भोजनमाता पर हुए विवाद से यह स्कूल सुर्खियों में रहा था।
दरअसल राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में एससी भोजनमाता की नियुक्ति को लेकर छह माह पूरे राज्य में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा। शीतकालीन अवकाश, परीक्षा के बाद स्कूल में 20 अप्रैल से विधिवत माध्यान्ह भोजन बनना शुरू हुआ तो सवर्ण के बच्चों ने एससी भोजन माता के हाथ से बने भोजन को खाने से मना कर दिया। कुछ दिन बाद प्रधानाचार्य ने अभिभावकों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की। लेकिन प्रिंसीपल अभिभावकों को कनविंस नहीं कर पाए। आळम ये है कि रोज 15 से 20 बच्चे भोजनमाता के हाथ का बना खाना खाने से इनकार कर देते हैं।
प्रधानाचार्य ने कई बार बच्चों से बातचीत की, उन्हें समझाने की कोशिश की, विद्यालय प्रबंधन ने भी बच्चों को समझाने के लिए अपील की। लेकिन उन पर भी कोई असर नहीं हुआ। स्कूल में माहौल बिगड़ता देख प्रधानाचार्य ने भोजन न करने वाले सातवीं व आठवीं के कक्षा के सात बच्चों की टीसी काट दी है। जिससे अभिभावकों में आक्रोश है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक मिड डे मील केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत सभी बच्चों के लिए माध्यान्ह भोजन बन रहा है, लेकिन सवर्ण बच्चों द्वारा भोजन न करने से वह बेकार हो रहा है। अभिभावकों का कहना है कि अगर खाना न खान वाले बच्चों को कच्चा राशन दे दिया जाए तो वह लेने को तैयार है।