AnkitaMurderCase: एसआईटी को पता चला रिजॉर्ट के वीआईपी कमरों का राज, VIP गेस्ट की जानकारी भी जुटाई
रैबार डेस्क: अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी की तफ्तीश जारी है। आरोपियों की पुलिस रिमांड के दौरान जांट टीम ने क्राइम सीन को रिक्रिए किया और उसके बाद किजॉर्ट के सारे तथ्य खंगाले। जांच टीम को रिजॉर्ट कर्मचारियों से पूछताछ के बाद वहां आने वाले वीआईपी गेस्ट के बारे में भी जानकारी मिली है।sit found crucial information about vip guests of vanantara resort in ankita murder case
अंकिता हत्याकांड में गठित एसआईटी की प्रभारी पी.रेणुका देवी ने कहा, अब तक की विवेचना में जो साक्ष्य मिले, वे हमारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का समर्थन कर रहे हैं। जिन गवाहों से पूछताछ की उसमें कुछ अलग नहीं आया है। रिजॉर्ट को अलग श्रेणियों में रखा है. सबसे ऊंचे श्रेणी वाले कमरों को VIP कहते हैं। यहां आने वाले लोगों की जानकारी जुटाई गई है।
इससे पहले एसआईटी प्रभारी डीआईजी पी रेणुका देवी ने कहा था कि एसआईटी की जांच काफी आगे तक बढ़ चुकी है। घटना के मसकद और कैसे-कैसे घटनाक्रम हुआ, इसमें भी टीम की विवेचना काफी आगे तक पहुंच गई है। एसआईटी प्रभारी ने बताया कि रिजॉर्ट में काम करने वाले सभी वर्कर से पूछताछ हुई है। बयान दर्ज करने के साथ उनके पास मौजूद साक्ष्यों को भी टीम ने कब्जे में लिया है। रिजॉर्ट में ज्यादा मारपीट नहीं हुई, लेकिन वहां कुछ घटना जरूर हुई है। यह भी उसी रात का हिस्सा है, जिस रात को कत्ल हुआ।
वीआईपी को मिलती थी एक्सट्रा सर्विस
ऋषिकेश के वनंत्रा रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट स्पेशल सर्विस के लिए प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरते थे। रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ में एसआईटी को पता चला है कि उनकी आगंतुक रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती थी। एसआईटी अब उनके ठहरने की मियाद के दौरान क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों से उनका पता लगाने की कोशिश करेगी।
अंकिता हत्याकांड में स्पेशल सर्विस के लिए वनंत्रा रिजॉर्ट आने वाले वीआईपी गेस्ट की पहचान के लिए एसआईटी पर लगातार दबाव बन रहा है। इसी को स्पेशल सर्विस देने के लिए पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा व रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसका निजी सहायक अंकित, अंकिता भंडारी पर दबाव डाल रहे थे। अंकिता के इंकार करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मरने के लिए छोड़ दिया था। इसी कड़ी में रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से एसआईटी ने लंबे समय तक पूछताछ की।