जोशीमठ वाली चुनौती पर बोले धीरेंद्र शास्त्री, शंकराचार्य सनातन परंपरा के प्रधानमंत्री, उन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा
रैबार डेस्क: बागेश्वर धाम सरकार के मामले में शंकराचार्य की एंट्री से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को जोशीमठ की दरारें भरने की चुनौती दी थी, जिस पर आचार्य की बयान आया है। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि कभी कभी व्यथित होने पर व्यक्ति अपान आपा खो देता है, वाणी नियंत्रित नहीं रख पाता, लेकिन शंकराचार्य पर वे किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे। acharya dhirendra shastri says no comment on shankaracharya ji
बता दें कि शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम मामले पर चुनौती दी थी कि यदि कोई सच में चमत्कारी है तो वो अपने चमत्कार से जोशीमठ की दरारें ठीक करके दिखाएं। हम भी उनके चमत्कार को नमस्कार करेंगे। चमत्कार का मतलब जनसेवा होना चाहिए जिससे किसी का भला हो सके। यदि ऐसे चमत्कार होते हैं तो उन्हें सभी मानते हैं अन्यथा सब छलावा है।
शंकराचार्य तकी टिप्पणी ने इस मामले को नया तूल दे दिया था। अब बागेश्वर बालाजी धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि पता नहीं उस वक्त उके मन मे क्या भाव रहा होगा। जोशीमठ में जो हालात हैं उससे हजारों लोगों की पीड़ा हम समझ सकते हैं। ऐसे में कभी कभी व्यथित होने पर व्यक्ति का आपा और वाणी दोनों बहक जाते हैं। लेकिन शंकराचार्य सनातम धर्म के सर्वोच्च गुरु हैं, प्रधानमंत्री हैं। शंकराचार्य पर वे किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे।