2024-05-06

गढ़वाल विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह, आंदोलनकारियों को किया गया सम्मानित

रैबार डेस्क: 1 दिसम्बर 1973ई. को स्थापित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह शुक्रवार को धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर ,सीएम धामी ने वर्चुअल रूप से समारोह को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने विश्वविद्यालय के लिए कई घोषणाएं भी की।

स्वर्ण जयंती समारोह में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हुए आन्दोलन में अहम भूमिका निभाने वाले 5 आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व हेमवती नंदन बहुगुणा को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में गढ़वाल विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हिमालयी क्षेत्र के संसाधनों का उचित प्रयोग किया जा रहा है और आज यहां से उच्च शिक्षा ग्रहण कर छात्र-छात्राएं विश्वभर में नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं के लिए संदेश दिया कि योग्यता, क्षमता, परिश्रम का कोई तोड़ नही हैं परिश्रम करके हर व्यक्ति सफल हो सकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की चौरास सड़क, स्टेडियम मरम्मत तथा रेलवे द्वारा परिसर भरान की रॉयल्टी माफ करने का आश्वासन दिया ।

इस अवसर पर कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि हमें गर्व है कि आज हम उन आन्दोलनकारियों और पूर्व छात्रों को सम्मानित कर रहे हैं जिनका विश्वविद्यालय के लिए अमूल्य योगदान है। कुलपति नौटियाल ने बताया कि भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) को साथ लेकर भारतीय ज्ञान परम्परा और हिमालय सांस्कृतिक विरासतों का उच्च शिक्षा में शोध एवं प्रबन्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी ने स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के पचास वर्ष के इतिहास में बहुत कुछ बदला जिसका श्रेय सबसे पहले इसकी स्थापना के लिए आन्दोलन करने वाले आन्दोलनकारियों को जाता है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों को याद करते हुए सभी गुरूजनों का धन्यवाद दिया और छात्र-छात्राओं को कहा कि सकारात्म्क रहें और जीवन में माता-पिता और गुरू का सम्मान करें तभी जीवन में प्रगति हो सकती है।

विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती समारोह में ‘योगदान का सम्मान’ के अन्तर्गत श्री कुंज बिहारी नेगी, श्री कृष्णानन्द मैठाणी, श्री वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली, श्री मंजूर अहमद बेग और श्री जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी को विश्वविद्यालय ने स्थाना आन्दोलन में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। स्वर्ण जयंती के असवर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे पांच शख्सियतों को सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर अपने-अपने क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय ने ‘उपलब्धियों का सम्मान’ शीर्षक के अन्तर्गत पूर्व छात्र-रियर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा (सेवानिवृत) पूर्व महानिदेशक नेवल आरमामेंट इन्स्पेक्शन एवं पूर्व जनरल मैनेजर ब्रह्मोस ऐरोस्पेस, डॉ राजेन्द्र डोभाल, कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं पूर्व महानिदेशक यूकोस्ट, डॉ सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, प्रो. वजीर सिंह लाकरा, पूर्व कुलपति एवं निदेशक आई.सी.ए.आर. केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुम्बई और डॉ रेखा उनियाल, संस्थापिका एवं प्रधानचार्य रेनबो पब्लिक स्कूल, श्रीनगर एवं चौरास को सम्मानित किया।

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