2025-05-20

स्मार्ट मीटर ने लगाई आग, 12 दिन का बिल आया 46.60 लाख, विभाग ने मानी गलती

रैबार डेस्क:  एक तरफ ऊर्जा विभाग स्मार्ट मीटर लगाने के लिए लोगों को जागरुक कर रहा है, दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर के बड़े झोल सामने आ रहे हैं। हल्द्वानी में स्मार्ट मीटर लगाने के बाद एक उपभोक्ता का महज 10 दिन का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए आ गया। इतना बिल देखकर उपभोक्ता के होश उड़ गए। उपभोक्ता ने विभाग में शिकायत की तो विभाग को गलती का अहसास हुआ। अब दलील दी जा रही है कि पुराने मीटर की रीडिंग एलईडी के फॉल्ट के वजह से 7 लाख लाख रीडिंग के हिसाब से इतना बिल जेनरेट हुआ।

हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड संख्या 43 अरावली वाटिका छड़ैल निवासी हंसा दत्त जोशी ने सबसे पहले 24 मार्च को स्मार्ट मीटर लगाया। लेकिन 12 दिन बाद 8 अप्रैल को जब स्मार्ट मीटर से पहला बिल जेनरेट किया गया तो उनके होश उड़ गए। क्योंकि बिल दो-चार हजार रुपए का नहीं, बल्कि 46 लाख 60 हजार रुपए का था। जबकि पुराने मीटर के हिसाब से उनका बिल करीब 800 रुपए मासिक आता था। हंसा दत्त जोशी ने मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की। हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले ही कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए थे। दो दिन पहले ही उनका ऑनलाइन बिजली का बिल आया। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था।

अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग नवीन मिश्रा ने बताया कि 24 मार्च को पुराना विद्युत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पुराने मीटर की एलईडी खराब होने के चलते मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। पुराने बिल में 339 रीडिंग थी जिसे एलईडी खराब होने के कारण 7 लाख 339 दर्ज किया गया और उसी आधार पर 46 लाख का बिल जेनरेटहो गया। विभाग ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। अगर इसमें लापरवाही पाई गई है तो मीटर लगाने वाली कार्यदाई संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता के विद्युत मीटर को दोबारा से चेक कराया गया है। उसका न्यूनतम बिजली बिल करीब ₹400 आया है और उपभोक्ता को न्यूनतम बिल जमा करने के लिए कहा गया।

इस प्रकरण से स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों में संदेह और गहरा सकता है।

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