2024-05-18

कारगिल विजय दिवस पर रणबांकुरों को सीएम-राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, 2 नए सैनिक कल्याण कार्यालय खुलेंगे

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रैबार डेस्क: कारगिल विजय दिवस पर देश अपने अरम शहीदों और वीर जवानों को याद कर रहा है। उत्तराखंड में जगह जगह कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना के जांबाज रणबांकुरों को नमन किया जा रहा है। राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह ने चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल औऱ सीएम पुष्कर धामी ने गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सीएम धामी ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया और डीडीहाट औऱ हर्बटपुर में दो नए शहीद कल्याण केंद्र खोलने की घोषणा की।

राज्यपाल ले. ज. (सेनि) गुरमीत सिंह ने चीड़बाग स्थित शौर्य स्थल पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है, जिस पर हम सभी को गर्व है। इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं। गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देहरादून में हरबर्टपुर और पिथौरागढ़ में डीडीहाट में सैनिक कल्याण विभाग के उप कार्यालय खोले जाएंगे। सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन को शहीद स्मारकों की देखरेख करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। अपने अदम्य साहस के दम पर वह कर दिखाया जो कोई सेना नहीं कर पाई। यह दिखाया कि कोई दुश्मन हमारी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। हमारी भावी पीढ़ी जांबाजों की शौर्य गाथा से परिचित हो इसके लिए शौर्य दिवस जैसे आयोजन जगह जगह होते रहने चाहिए। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी। उत्तराखंड के वीर हमेशा बलिदान देने में आगे रहे हैं। उनके साहस के असंख्य किस्से सैन्य इतिहास में दर्ज हैं। उनकी स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे।

बता दें कि 1999 में कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों और आतंकियो ने कब्जा कर लिया था।। करीब 3 महीने तक चले संघर्ष में भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य से घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। भारत ने अपने 527 वीर जवानों को खोया था, इनमें से भी सबसे ज्याया 75 बलिदानी सैन्यधाम उत्तराखंड से थे।

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