कास्तकारों की पाई पाई लूटने वाले उद्यान निदेशक एच एस बवेजा को CM धामी ने किया सस्पेंड, जानिए बवेजा की कारस्तानियां
रैबार डेस्क: उत्तराखंड के कास्तकारों से खुली लूट करने वाले उद्यान निदेशक डॉ हरमिंदर बवेजा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सस्पेंड कर दिया है। बवेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ये कदम उठाया है। बवेजा के भ्रष्टाचार पर नैनीताल हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर14 जून को फैसला आना है, उससे पहले सरकार ने ये कदम उठाया है।
घोटालों के कारण चर्चा में रहे उद्यान निदेशक को निलंबति करने के आदेश सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए हैं। बवेजा के खिलाफ कीवी फल के पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, खराब गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने जैसे आरोप हैं। और फेस्टिवल के आयोजन के लिए पीएम पर ड्रॉप मोर क्रॉप के फंड को डायवर्ट करने के आरोप हैं।
इस बारे में मिल रही शिकायतों को देखते हुए विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व में तत्कालीन सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम से जांच कराई थी। इसके बाद फाइल मुख्यमंत्री को भेजी गई थी। बता दें कि बवेजा के खिलाफ करप्शन के मामले में भी नैनीताल हाईकोर्ट से 14 जून को फैसला आना है।
बवेजा के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने मोर्चा खोला था। दीपक ने तथ्यों और दस्तावेजों के साथ बवेजा की कारस्तानियों की पोल खोली थी। कई कास्तकारों ने भी बवेजा की पोल खोली थी। दीपक का कहना है कि मात्र सस्पेंड करना ही समाधान नहीं है, उत्तराखंड के कास्तकारों के साथ न्याय हो और बवेजा को जेल भेजा जाए। इसके अलावा विभाग के कई अफसरों ने भी पत्र लिखकर बवेजा के अधीन काम करने से मना कर दिया था। इन्हीं बातों के चलते बवेजा को सस्पेंड किया गया है। हालांकि बड़ा सवाल ये भी है कि क्या केवल सस्पेंशन ही काफी है? बवेजा के खिलाफ व्यापक जांच होनी चाहिए और ये बात भी सामने आनी चाहिए कि बवेजा के साथ किस किस ने कमीशन की मीट भात का फायदा उठाया है। किसानों के हक की पाई पाई का हिसाब भी बवेजा से रिकवर किया जाना चाहिए।