वनाग्नि कंट्रोल करने में नाकाम 17 अफसरों-कार्मिकों पर CM का सख्त एक्शन, 10 सस्पेंड, 5 अटैच
रैबार डेस्क: लोकसभा चुनाव के प्रचार को बीच में छोड़कर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने राज्य में लौटते ही ताबड़तोड़ एक्शन लिया है। प्रदेश में वनाग्नि से धधकते जंगलों के मुद्दों पर सीएम धामी ने आपात बैठक ली। सीएम ने वनाग्नि से निपटने में लापरवाही बरतने वाले 17 अफसरों और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। सीएम ने 10 कार्मिकों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं। जबकि 5 को अटैच किया गया है है साथ ही दो अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सीएम ने बैठक में कहा कि विभाग एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से काफ़ी हद तक वनाग्नि पर काबू पाया जा चुका है और जल्द ही हम जंगल की आग को पूरी तरह बुझाने में कामयाब होंगे।
सचिवालय में वनाग्नि नियंत्रण के संबंध में सीएम धामी ने आपात बैठक ली। इस दौरान पूर्व में दिए गए निर्देशों की समीक्षा करते हुए लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 17 अधिकारियों/कार्मिकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 10 को निलंबित करने के आदेश दिए। सीएम ने निर्देश दिया कि फायर स्टेशनों पर वनाग्नि की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए और इसकी तत्काल सूचना DFO, CCF, PCCF के कंट्रोल रूम में दी जाए। मुख्यमंत्री ने जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को शुरू करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के जंगलों में लगी आग, एक बड़ी समस्या और चुनौती बनी हुई है। इसकी समीक्षा के दौरान जिम्मेदार अधिकारियों को फील्ड में जाने को निर्देश दिए गए थे। ऐसे में अधिकारी फील्ड में जाकर वहां से काम कर रहे हैं।. बैठक के दौरान अधिकारियों ने जो रिपोर्ट रखी है, उसके अनुसार वनाग्नि आधी से भी कम हो गई है। वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी जिलाधिकारियों और शासन के आला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो इसकी लगातार मॉनिटरिंग करें। सीएम ने कहा कि जो लोग वनाग्नि की घटनाओं को कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। सीएम ने कहा कि वनाग्नि को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जा रही है। जिन लोगों ने अपने कामों में लापरवाही बरती है, उनको सस्पेंड किया गया है।
मानसून अवधि में हो त्वरित रिस्पॉन्स
मुख्यमंत्री ने मानसून सीजन के दृष्टिगत कम से कम रिस्पॉन्स टाइम के साथ राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने और इस अवधि में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। सीएम ने निर्देशित किया कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाएगी।
चारधाम यात्रा की हर हफ्ते समीक्षा हो
चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित करने के तहत अधिकारियों को यात्रा की साप्ताहिक समीक्षा करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक एवं अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की जाएगी जिससे यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश लेकर जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा का इंतजार उत्तराखंडवासियों समेत देश भर के लोगों को रहता है। ऐसे में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है, ताकि चारधाम यात्रा सही ढंग से संचालित हो
पेयजल को लेकर सीएम का आदेश
सीएम धामी ने कहा कि आपदा विभाग की भी समीक्षा बैठक की गई है. प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते मुख्य रूप से भूस्खलन, आपदा, अतिवृष्टि, बर्फबारी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन सभी के साथ सड़कों की व्यवस्था और पेयजल आपूर्ति की समीक्षा की गई है। हर साल पेयजल किल्लत की समस्या का सामना करना पड़ता है। लोगों को लंबी लंबी लाइनें लगाकर पानी लेने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में पेयजल विभाग को निर्देश दिए हैं कि जनता को पेयजल के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके लिए पेयजल विभाग, संवेदनशील होकर काम करे।