गंभीर मरीजों को मिलेगा त्वरित इलाज, एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड का शुभारंभ, एयर एंबुलेंस शेवा शुरू

देहरादून: उत्तराखंड की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए यहां सड़क व एन्य तरह के हादसे आम बात हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में समय पर इलाज न मिलन के कारण कई लोग अस्पताल पहुंचन से पहले ही दम तोड़ देते हैं। लेकिन अब ऐसे गंभीर मरपीजों और हादसों में घायल हुए लोगों को एयर एंबुलेंस के जरिए फौरन प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स पहुंचाया जा सकेगा। एयर एंबुलेंस के ऑपरेशन के लिए एम्स में बने हेलीपैड का शुबारंभ आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस दौरान मरीजों को हेली सेवा स लाने व उन्हें ट्रामा सेंटर पहुंचाने की मॉक ड्रिल भी की गई।

मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के नव निर्मित हेलीपैड का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश परिसर में हेलीपैड बनने से गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना होने पर घायलों को हेली सेवा से अस्पताल लाने में सुविधा होगी। एम्स ऋषिकेष में इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। हेली से उतरने के बाद मरीज को मात्र 9 मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था रहेगी। एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां परिसर के अन्दर हेलीपैड की सुविधा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। अतिवृष्टि होने पर राज्य में आपदायें अधिक होती हैं। पहाड़ी टेरेन होने से दुर्घटनाएं भी अधिक होती है। दुर्घटना होने पर लोगों को हेली सेवा से उपचार के लिए जल्द एम्स लाने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 3 सालों में प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई। इसके लिए सरकारी हेलीकॉप्टर व किराये पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई।
मुख्यमंत्री ने एम्स के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में सीनियर डॉक्टर कोरोना के मरीजों का विशेष ध्यान रखें। जिस तरह कोरोना अपना स्वरूप बदल रहा है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं डॉक्टरों के आपसी तालमेल से समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है। कोरोना काल में आशा, आंगनबाड़ी, नर्स एवं डॉक्टर और स्वच्छता कर्मचारी जो ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रहे हैं, वे जनता के लिए देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं।