2024-04-27

बागेश्वर: स्वरोजगार पर अराजकता की मार, युवक की रेहड़ी को बदमाशों ने काट डाला,सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल

रैबार डेस्क: कोरोना काल में उत्तराखण्ड में लोग स्वरोजगार की ओर लौट रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फ़ॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को सरकार के साथ आम जन मंजिल तक पहुंचाने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन समाज मे कुछ ऐसे सिरफिरे भी हैं जो किसी को रोटी कमाते नहीं देख सकते। बागेश्वर जिले में सिरफिरों द्वारा एक युवक की रेहड़ी तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर रेहड़ी तोड़ने के आरोपियों की चौतरफा निंदा हो रही है, और लोग उन्हें सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। आइये अब विस्तार से बताते हैं कि मामला क्या है।

दरसल बागेश्वर जिले के सिमी-नरगोल गांव का निवासी सुनील कुमार लुधियाना में नौकरी करता था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उसे घर लौटना पड़ा। 4 महीने तक बेरोजगार रहने पर सुनील ने गांव में ही स्वरोजगार अपनाने की सोची। सोनू के पिता और एक और भाई भी लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हो गए थे, लिहाज सुनील की जिम्मेदारियां बढ़ गई। सोनू ने हौसला दिखाया और गांव में ही रेहड़ी लगाकर समान बेचने लगा। रेहड़ी से बहुत तो नहीं लेकिन पर्याप्त गुजारा होने लगा। सुनील अपने परिवार का पेट पालने लगा। लेकिन इंसानियत के दुश्मनों को किसी की रोजी रोटी रास नहीं आई और सुनील के खिलाफ बड़ी साजिश कर डाली।

सुनील की रेहड़ी, जिस पर स्वरोजगार कर रहा था

शनिवार की रात को कुछ बदमाशों ने सुनील की रेहड़ी के सामान को बर्बाद कर दिया, रेहड़ी को कुल्हाड़ी से काट दिया और करीब 200 मीटर गहरी खाई में फेंक दिया। सुनील के सपनों पर यह कुठाराघात जैसा था। रोजी रोटी छीनी गई, रेहड़ी के लिए जो कर्ज लिया था उसे चुकाने के साधन भी हाथ से निकल गया। असामाजिक तत्वों की यह क्रूर हरकत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई फेसबुक ग्रुप में दोषियों को सजा देने की मांग उठने लगी।

टूटी हुई रेहड़ी के साथ सुनील

भवाली व्यापार मंडल ने भी इस घटना की आलोचना की और पीड़ित सुनील का साथ देने की अपील की।स्वरोजगार की दिशा में काम करने संजय सत्यवली ने भी इस घटना की आलोचना की। देखते ही देखते यह बात मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने भी फेसबुक पर इस घटना की जानकारी देते हुए लिखा, “ऐसी घटनाओं पर मन व्यथित होता है, आक्रोशित होता है। बागेश्वर के  सीमीनरगोल गांव के एक युवा ने लॉकडाउन में स्वरोजगार शुरू किया। इधर उधर से कर्ज लेकर एक रेहड़ी खरीदी,सामान जुटाया।

अराजकों ने रेहड़ी को काटकर गहरी खाई में फेंक दिया

लेकिन इंसानियत के दुश्मनों को ये बात खल गई कि कोई कैसे मेहनत से अपनी रोजी रोटी चला रहा है। इस बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने रात में  रेहड़ी को कुल्हाड़ी से काटकर गधेरे फेंक दिया। गरीब की रोटी छीनने वाले ऐसे मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग सजा के हकदार हैं। एक तरफ प्रदेश में स्वरोजगार के लिए काम हो रहे हैं, दूसरी तरफ अराजक तत्व किसी को खुश नहीं देखना चाहते। बागेश्वर के इस भाई के खिलाफ जिसने भी ये किया है, वो पूरी मानवता के दुश्मन हैं। जिला प्रशासन ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनपर ठोस कार्रवाई करे”।

सोशल माडिया पर मामला उछलने के बाद डीएम बागेश्वर ने बी इस मामले का संज्ञान लिया है औऱ सुनील को मुलाकात के लिए बुलाया है।

उत्तराखण्ड रैबार उम्मीद करता है कि सुनील के साथ न्याय होगा और आगे किसी गरीब के साथ ऐसा सलूक नहीं होगा।

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