2024-05-05

रक्षा मंत्री राजनाथ बोले पूर्व सैनिक हमारे लिए भीष्म की तरह, चीड़बाग में किया शौर्य स्थल का लोकार्पण

rajnath singh shaurya sthal lokarpan

 रैबार डेस्क : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देहरादून के चीड़बाग में शौर्यस्तळ का लोकार्पण किया और बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद रक्षा मंत्री ने शहीद जसवंत सिंह मैदान में वेटरन रैली में हिस्सा लिया। राजनाथ सिंह सोल ऑफ स्टील अभियान की भी शुरुआत की। defence minister rajnath singh unveils shaurya sthal, interacts with army veterans

इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद मेरी प्राथमिकता रही है। वेटरन का सियाचीन में भी कोई आयोजन होता है तो जरूर जाता हूं। रक्षामंत्री ने कहा कि सेना का आर्थिक प्रगति में अप्रत्यक्ष योगदान है। देश सुरक्षित है तभी प्रगति कर रहा है। सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी तो बड़े से बड़े निवेश का कोई महत्व नहीं रह जाता। आज देश आप सबके प्रति भी कृतज्ञता प्रकट कर रहा है।

राजनाथ सिंह ने इस दौरान वेटरन की भीष्म पितामह से तुलना की। उन्होंने कहा कि समाज के लिए संकल्पित पूर्व सैनिक बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। जब-जब देश को जरूरत पड़ी उत्तराखंड के वीर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे। कारगिल से लेकर विभिन्न युद्धों में उत्तराखंड के वीरों ने अपने हौसले से दुश्मन को पस्त कर दिया। उनके बलिदान व त्याग को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्‍होंने कहा कि भगवान राम, कृष्ण, देवी दुर्गा भी वेटरन हैं। वे साहस और शौर्य दिखाकर ही पूजनीय बने। राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना के कारण ही सीमाएं सुरक्षित हैं। वेटरन डे पूर्व सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व सम्मान का उत्सव है। पूर्व सैनिक संत के समान हैं। एक संत समाज की उन्नति और समाज का हित चाहता है। इस कसौटी पर पूर्व सैनिक खरे उतरते हैं।  

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से ओतप्रोत हमारे सैनिकों ने देश की अखंडता को अक्षुण रखा है। भारत की वीर भूमि ने कई वीर दिए हैं। जिन्होंने ये दिखाया है कि शांति की ये भूमि वक्त आने पर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देना जानती है। आज गोली का जवाब गोलों से दिया जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि एक वक्त था जब विषम परिस्थितियों में अपनी सेवा दे रहे सैनिकों को पर्याप्त साजो सामान भी नहीं मिलता था। आज सेना को अच्छा साजो सामान मिल रहा है। सेना में एक उच्च पदेन अफसर का सिपाही के साथ भी बहुत अच्छा और घनिष्ठ संबंध होता है। ये मार्मिक पक्ष हमारी सेना की पहचान है।  

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