2024-05-05

माचिस से छोटी डिवाइस बचाएगी आपकी जिंदगी, स्पंदन की मदद से घर बैठे करें ECG, करें दिल की निगरानी

spandan the smallest ecg device developed by uttarakhand youths

रैबार डेस्क:  क्या आप यकीन कर सकते हैं कि माचिस की डिब्बी से भी छोटी मशीन से आप अफना ईसीजी कर सकते हैं? देहरादून के नितिन चंदोला और उनके साथियों ने दुनिया की सबसे छोटी ईसीजी डिवाइस बनाकर अपना डंका बजाया है। शार्क टैंक शो में अपना जलवा दिखा चुके इन युवाओं की पोर्टेबल ईसीजी मशीन की आज दुनियाभर में डिमांड है।

विश्व हृदय दिवस के मौके पर सनफॉक्स कंपनी ने दुनिया की सबसे छोटी पोर्टेबल ईसीजी मशीन लॉन्च की। सनफॉक्स कंपनी उत्तराखंड के युवाओं नितिन चंदोला, रजत जैन, सौरभ बडोला और सभित रावत का स्टार्टअप है जो हेल्थकेयर सेक्टर में अपनी धाक जमा रही है। सनफॉक्स की टीम शार्क टैंक में भी अपना जलवा दिखा चुकी है। तब चारों युवाओँ ने सबसे छोटी पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस बनाई थी। इस ईसीजी डिवाइस को स्पंदन नाम दिया गया है। अब इन युवाओं ने और भी छोटी ईसीजी मशीन लॉन्च की है जो आसानी से आपकी जेब में आ सकती है। इस ईसीजी मशीन को 5 फॉर्मेट में लॉन्च किया गया है। जिसमें स्पंदन नीओ, स्पंदन प्रो और सरहद पर तैनात सैनिकों के लिए स्पंदन मिलिट्री डिवाइस भी शामिल है।  सनफॉक्स की पहले भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सराहना कर चुके हैं।

लॉन्चिंग के मौके पर कंपनी की इन्वेस्टर्स औऱ शार्क टैंक की जज रही नमिता थापर भी मौजूद रही। नमिता थापर ने कहा कि देहरादून में फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री की प्रबल संभावनाएं हैं। वो चाहती हैं कि देहरादून ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उभरे। इस दिशा में स्पंदन जैसी नवीन खोज क्रांति ला सकती है।

घर बैठे कर सकते हैं ईसीजी

स्पंदन की मदद से घर बैठे ही बेहद आसानी से ईसीजी किया जा सकता है।  अस्पताल में ईसीजी टेस्ट महंगे होते हैं. हार्ट की समस्या आने पर मरीज हॉस्पिटल जाने में कतराते हैं, समय रहते सही जांच नहीं मिल पाती। ऐसे में स्पंदन ईसीजी डिवाइस की मदद से घर बैठे ही ईसीजी किया जा सकता है। इस डिवाइस को स्मार्टफोन से कनेक्ट करके इस पर उंगली या अन्य स्किन पार्ट को स्कैन किया जाता है, जिससे दिल में चल रही तमाम गतिविधियों का ग्राफ तैयार हो जाता है। इस तरह एक छोटी सी डिवाइस मिनटों में दिल की धड़कन का पता लगाकर आने वाले खतरे के बारे में पहले ही अलर्ट कर देती है। खास बात ये है कि इसकी सटीकता यानी एक्युरेसी 99.7% है। स्पंदन की मदद से साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग समय रहते सही ईसीजी प्राप्त कर जान बचा चुके हैं।

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