बागेश्वर में खनन के निरीक्षण के लिए विभाग में बढ़ेंगे 18 नए पद, धामी कैबिनेट के बड़े फैसले

रैबार डेस्क : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें 6 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने खनन की मॉनिटरिंग के लिए पद बढ़ाने की स्वीकृति दी है, साथ ही आसन बैराज की दोनों ओर के क्षेत्र को ‘वेटलैंड जोन’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दे दी।
करीब ढाई घंटे चली धामी कैबिनेट की बैठक में निम्न फैसले लिए गए हैं-
– पर्यावरण से जुड़े अहम फैसले में कैबिनेट ने आसन बैराज की दोनों ओर के क्षेत्र को ‘वेटलैंड जोन’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दे दी। आसन नदी के इस हिस्से की कुल लंबाई 53 किमी है। पहले इस पर आपत्तियां मांगी गई थीं, जिन्हें दूर करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब भट्टाफॉल से आसन बैराज तक यानी 53 किलोमीटर क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किया गया है।
– उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत दो सेंटर बनाए गए हैं, वहां शोध की व्यवस्था के लिए विभागीय नियमावली को मंजूरी मिल गई है।
– हाईकोर्ट केनिर्देश के बाद बागेश्वर में खड़िया खनन की मॉनिटरिंग और निरीक्षण के लिए खनन विभाग में 18 पदों को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
– देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों में जो क्षेत्र बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किये गये हैं, उन क्षेत्रों में एसटीपी का निर्माण, एलिवेटेड रोड के लिए नींव समेत संरचना का निर्माण, रोपवे टावर का निर्माण कार्य, मोबाइल टावर निर्माण और हाई टेंशन विद्युत लाइन का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है.
– पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवनों को पीपीपी मोड में डेवलप करने का निर्णय लिया गया है। रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवनों को विश्व स्तरीय गेट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। को विकसित किया जाएगा।
– पैरा मेडिकल स्नातक के कोर्सेज के लिए उत्तराखंड पैरा चिकित्सा अधिनियम 2009 और उत्तराखंड पैरा चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रावधान किया गया है। ऐसे में उनके मानकों को विनियमित करने, प्रवेश परीक्षा, पाठ्यक्रमों के मानकीकरण के साथ ही पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट 2021 के तहत काउंसिल (उत्तराखंड राज्य सैबत्त और स्वास्थ्य देखरेख परिषद) बनाए जाने पर मिली मंजूरी।
– महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग अब आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस का इस्तेमाल कर सकेगा, इसके लिए नियमावली बनेगी।