2024-05-06

घर से दूर रहे प्रवासियों को मिलेगी रिमोट वोटिंग की सुविधा, चुनाव आयोग ने आरवीएम पर काम शुरू किया

RVM for remote voting

रैबार डेस्क: अपने गृह क्षेत्र से देश क दूसरे क्षेत्रों में बसे लोगों को अब जल्द ही रिमोट वोटिंग की सुविधा मिल सकती है।  भारत निर्वाचन आयोग ने इस पर काम शुरू किया है। इसके लिए आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की है। इससे प्रवासी मतदाताओं को देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा। आयोग ने आरवीएम का डेमोस्ट्रेशन देने के लिए सभी मान्यताप्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को दिनांक 16 जनवरी को आमंत्रित किया है। EC Working on modified version of EVM to conduct remote voting

राजनीतिक दलों के सामने एक बार इस मशीन का प्रजेंटेशन देने का बाद उन्हे कार्यप्रणाली के बारे में बताया जाएगा। सभी राजनीतिक दल 31 जनवरी तक इस विषय पर अपनी राय, सुझाव, फीडबैक या आपत्तियां दे सकते हैं।

आपको बता दें कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, श्री राजीव कुमार उत्तराखण्ड के चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा (ट्रैकिंग) से प्रवासी नागरिकों की समस्या से सीधे रूबरू हुए थे। उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई थी कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग पर व्यापक मंथन प्रारम्भ किया गया है। इस तरह के सशक्तिकरण को कार्यान्वित करने के लिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौदयोगिकीय पहल की जरूरत है। आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने के लिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियाँ जैसे कि दो-तरफा प्रत्यक्ष ट्रांजिट पोस्टल बैलट, परोक्षी (प्रॉक्सी) मतदान, विशेष समय पूर्व मतदान केंद्रों में जल्दी मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

सभी हितधारकों के लिए विश्वसनीय, सुगम और स्वीकार्य प्रौद्योगिकीय समाधान की तलाश करने के उद्देश्य से निर्वाचन आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय आयोग और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने के लिए समय की कसौटी पर खरे उतरे एम-3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा है। इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी।

यदि यह पहल कार्यान्वित कर दी जाती है तो यह प्रवासियों के लिए एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखती है और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने में मददगार होगी, क्योंकि कई बार वे विभिन्न कारणों जैसे कि उनके निवास स्थानों के नियमित तौर पर बदलने, प्रवास क्षेत्र के मुद्दों से सामाजिक और भावनात्मक रूप से पर्याप्त जुड़ाव न होने, अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली से नाम कटवाने की अनिच्छुकता (चूंकि उनका वहां स्थायी निवास/संपति होती है) से अपने कार्यस्थान पर स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत करवाने के प्रति अनिच्छुक रहते हैं। आरवीएम उत्तराखंड के चुनावों में बेहद कारगर साबित हो सकती है। यहां के लाखों लोग रोजगार, व्यवसाय, शिक्षा आदि कारणों से देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। रिमोट वोटिंग होने पर वे अपने गृह क्षेत्र के लिये मतदान कर सकेगे और वहां के विकास प्रक्रिया में भागीदारी कर सकेंगे।

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