ज़ीरो टॉलरेंस की मार, कार्रवाई के डर से निर्माण कंपनी ने सरकार को लौटाये 18 करोड़ रुपए
रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे एक्शन मूड में है। भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance on corruption) की नीति से अधिकारी, बिचौलिए, माफ़िया ठेकेदार सभी घबराये हैं। ताजा मामला ब्रिज एंड रूफ कंपनी का है। गुरूवार को इस कंपनी ने जीरो टॉलरेंस की नीति को देखकर 18 करोड़ रुपये उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड को वापस कर दिये।
दरअसल उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने ब्रिज एंड रूफ कम्पनी को अगस्त माह में कुल 20 करोड़ रुपये जारी किये थे। यह राशि बोर्ड ने कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल बनाने के एवज में जारी की थी। बोर्ड ने इसके लिए सरकार से कोई वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी नहीं ली और नियमों को ताक पर रखकर इस कम्पनी को अस्पताल भवन निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये जारी कर दिये।
यह मामला विधानसभा में जमकर उछला था। कंपनी ने सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति से डरकर 18 करोड़ रुपये वापस कर दिये। बाकी 2 करोड़ रुपये डीपीआर और अन्य खर्चो का बहाना बनाकर कंपनी डकारना चाहती थी। इस पर सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सख्त रुख अपनाते हुए शेष 2 करोड़ बकाया भी उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को वापस करने को कहा है। उन्होंने कम्पनी को चेताते हुए कहा कि यदि कम्पनी ये 2 करोड़ रुपया वापस नहीं करती है तो इस कम्पनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।