2024-04-29

G-20  बैठकों  से उत्तराखंड को मिलेगी ग्लोबल पहचान,बैठक में शामिल होने CM धामी पहुंचे रामनगर 

cm dhami says g20 meeting will explore uttarakhand globally

रैबार डेस्क: रामनगर में आज से जी-20 सम्मेलन का आगाज हो गया है। मई महीने में ऋषिकेश भी दो जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी करेगा। ऐसे में इन आयोजनों की सफलता हेतु राज्य की धामी सरकार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। बल्कि इस वैश्विक आयोजन के माध्यम से सरकार की मंशा है कि उत्तराखंड को विश्व फलक पर एक नई पहचान दिलाई जाए। सीएम धामी का कहना है कि इबैठकों से राज्य को वैश्विक स्तर पर नई पहचानव मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी रामनगर जी 20 बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं। g20-meetings-will-explore-beauty-and-culture-of-uttarakhand-at-global-plateform-says-cm-pushkar-dhami

रामनगर में सीएम ने कहा कि जी-20 की राज्य में आयोजित बैठकों से विश्व स्तर पर उत्तराखण्ड की पहचान बनने का अच्छा अवसर है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर्यटन एवं जैव विविधता से पूरे विश्व को परिचित कराने का भी यह अवसर है। साथ ही उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी यह अच्छा अवसर है।

दरअसल, इस बार भारत में हो रहा जी-20 सम्मेलन कई मायनों में अलग है। इस बैठक को केवल नई दिल्ली तक सीमित न रख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे पूरे देश में ले जाने का निर्णय लिया ताकि वैश्विक स्तर पर भारत की विविधता के रंग बिखर सकें। इसी क्रम में उत्तराखंड को पहले पहल जी-20 की केवल दो बैठकें ही मिली थी लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों और उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष लगाव के चलते उत्तराखंड को कुल तीन बैठकें आयोजित करने का अवसर मिला।

अब इस अवसर को राज्य की धामी सरकार भी भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। सरकार की ओर से इन सम्मेलनों की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब से इन बैठकों की मेजबानी राज्य को मिली तभी से इसे लेकर निरंतर बैठकों और तैयारियों का क्रम जारी रहा। राज्य सरकार की ओर से जी-20 के लिए बकायदा बजट में 100 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया।

इन बिंदुओ पर होगा मंथन

पहला-हरित, विकास,जलवायु, वित्त और जीवन, दूसरा- त्वरित समावेशी और लचीला विकास, तीसरा- सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाना, चौथा- तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, पांचवा- 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान तथा छठा- महिलाओं के नेतृत्व में विकास है।

जी-20 में भारत के साथ ही जापान, रूस, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, जर्मनी, मेक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली व चीन भी शामिल है।

सम्मेलन में कई वैश्विक संस्थाएं भाग लेंगी जिनमें संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, विश्व श्रम संगठन, वित्तीय स्थिरता बोर्ड, एशियाई विकास बैंक और कनेक्शन फॉर इकोनामिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट शामिल हैं। इनके अलावा भारत के मित्र देश जैसे बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।

ये हैं उद्देश्य

रामनगर में आयोजित हो  रही बैठक का उद्देश्य जी-20 के सदस्य देशों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों और उनके समकक्षों के साथ-साथ आमंत्रित देशों को एक साथ लाना है। इससे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्वपूर्ण वैश्विक नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सहयोग की रूपरेखा विकसित की जा सकेगी।

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